नई दिल्ली: गुजरात में लगातार सातवीं बार भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बनाई। वहीं, हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पांच साल बाद फिर सत्ता में आई। इन हालिया चुनाव नतीजों को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं, लेकिन पहले ही 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर चुकी भाजपा के लिए ताजा चुनाव दो बड़े सबक लेकर आए हैं। गुजरात में भाजपा ने 182 में से 156 सीटें जीती। हिमाचल में कांग्रेस ने 40 सीटों के साथ बहुमत हासिल किया। एक रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता पर पूरी तरह निर्भरता चिंता की वजह बनी हुई है। साथ ही हिमाचल प्रदेश के नतीजों को लेकर भी पार्टी यह देख रही है कि जब पीएम मोदी की तरफ से की गई अपील भी माइक्रोमैनेजमेंट को प्रभावित नहीं कर सके, तो क्या होता है।
दोनों राज्यों की बात
आम सहमति थी कि भाजपा गुजरात में सरकार बनाने जा रही। इसके बाद भी पीएम मोदी ने पश्चिमी राज्य में कोई कसर नहीं छोड़ी। लगातार वह गुजरात के साथ अपने जुड़ाव की बात करते रहे। रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा के वरिष्ठ नेता का कहना है कि पीएम ने हिमाचल में भी जनता के सामने पहाड़ी राज्य में गुजारे अपने समय की बात की। गुजरात के मुकाबले यहां फर्क यही है कि हिमाचल में सत्ता विरोधी लहर ज्यादा मजबूत थी और विपक्ष भी रफ्तार में था। इसके अलावा कांग्रेस के पुरानी पेंशन योजना के वादे ने भी बड़ी भूमिका निभाई। हालांकि, यह वादा पूरा करने में राज्य पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ आ सकता है।
MCD चुनाव देखें
दिल्ली नगर निगम चुनाव में भाजपा के 15 साल के शासन को खत्म करते हुए आम आदमी पार्टी ने जीत हासिल की। हालांकि, भाजपा यहां मजबूत विपक्ष के तौर पर सामने आई, लेकिन उस चुनाव के नतीजे भी हिमाचल की तरह ही रहे। जहां पार्टी को सत्ता विरोधी लहर, मजबूत संगठन की कमी और माइक्रोमैनेजमेंट की कमी के चलते नुकसान उठाना पड़ा। 2024 लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। इनमें पूर्वोत्तर राज्य नगालैंड, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम का नाम शामिल है। इसके अलावा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तेलंगाना और राजस्थान में भी सरकारें चुनी जानी हैं। कहा जा रहा है कि पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए भाजपा नई रणनीति तैयार कर रही है।