शरीर में पांच इंद्रियां होती हैं, जो दुनिया को महसूस करने में मदद करती है। कान भी इन्हीं में से एक है, जो सुनने का काम करते हैं। लेकिन कुछ कारणों से इन कानों में मवाद भरने लगती है, जिसे पस भी कहा जाता है। जब कान में पस जमने लगती है तो खुजली जैसे कुछ लक्षण महसूस होने लगते हैं। इस समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। क्योंकि, आगे चलकर यह कम सुनना, खतरनाक इंफेक्शन या कान के पर्दे को नुकसान पहुंचा सकती है।
कान में पानी ना जाने दें
सीडीसी के मुताबिक, जब कान के बाहरी हिस्से में पानी जमा हो जाता है, तो इसे स्विमर्स ईयर कहा जाता है। नहाते वक्त ध्यान ना रखने या स्विमिंग करने पर इस तरह का इंफेक्शन हो जाता है। इसके कारण कान में पस बनना शुरू हो जाती है।
बच्चों के कान में पस होने का कारण
बच्चों के कान में अक्सर मिडिल ईयर का इंफेक्शन होता है। जो कि बैक्टीरिया या वायरस के कारण हो सकता है और मवाद बनने लगती है। यह मवाद ज्यादा बढ़ने पर कान के पर्दे को भी नुकसान पहुंचा सकती है।
कान में मवाद भरने के अन्य कारण
कान में स्किन सिस्ट का बनना
कान में कुछ चले जाने पर
कान का पर्दा खराब होना
इन 10 लक्षणों पर रखें नजर
कान में दर्द होना
कान बहना
सुनने में दिक्कत होना
चक्कर आना
बुखार
कान में खुजली होना
कान में सूजन होना
कान बजने की दिक्कत
कान से खून निकलना
कान से डिस्चार्ज होना
UIHC के अनुसार, अगर कान में पानी जाने की वजह से मवाद-पस बन रही है तो एक घरेलू उपाय अपना सकते हैं। आप रबिंग एल्कोहॉल और सिरके को बराबर मात्रा में मिलाएं और फिर इसकी 1-2 बूंद दोनों कान में डालें। रबिंग एल्कोहॉल कान में मौजूद मॉइश्चर को भाप बनाकर उड़ा देता है और सिरका इंफेक्शन को खत्म करता है।