नई दिल्ली : बहुत से घरों में मकड़ी के जाले लगे रहते हैं. लोग अक्सर इन्हें साफ भी करते हैं पर मकान में कुछ जगह ऐसी होती हैं, जहां लोगों को जाना रोज नहीं होता और वहां ये जाले लंबे समय तक बने रहते हैं. क्या आपको पता है कि ये जाले राहु-केतु का घर हैं और घर में बार-बार जाले लगने का मतलब क्या होता है? माना गया है कि जाला जितना पुराना होता है, वहां दरिद्रता का वास होता जाता है.
वास्तु शास्त्र में घर में मकड़ी के जाले अशुभ माने गए हैं. हम घर मे सफ़ाई तो करते हैं, पर कई बार मकड़ी के जाले नहीं हटाते. मकड़ी के जालों से घर में कंगाली आती है. कई घरों में बार-बार सफाई करने के बाद भी जाले लग जाते हैं. वास्तु शास्त्र के अनुसार, मकड़ी के जाले घर में लगना सही नहीं होता. जाले लगने से घर में भूत-प्रेत एवं बुरी शक्तियां तेजी से आकर्षित होती हैं. ये जाले राजा को रंक बनाने में देर नहीं लगाते.
हमारे शास्त्रों में वर्णित है कि जो लोग घर में सफाई नहीं रखते हैं, उनके घर में मकड़ी के जालों में राहु-केतु अपना निवास बना लेते हैं. राहु-केतु व्यक्ति की बुद्धि को भ्रमित कर देते हैं. इसके कारण व्यक्ति मोह-माया में फंसता चला जाता है. फिर व्यक्ति के घर में दुर्घटनाएं, भयानक हादसे, भूत-प्रेत, बुरी आत्माएं अपना वास बना लेती हैं. घर में द्वंद बढ़ने से परिवार में झगड़े बढ़ने लगते हैं. नौकरी-व्यापार चौपट होने लगता है. कर्ज का बोझ बढ़ने लगता है. बीमारियां घर को घेर लेती हैं.
घर में आपके गंदगी का माहौल होने पर राहु-केतु की दृष्टि अच्छी नहीं होती है. राहु-केतु की दृष्टि करोड़पति से कंगाल बना सकती है. घर में लगे मकड़ी के जाले मनहूसियत को दर्शाते हैं. घर में जाले लगे हो तो माता महालक्ष्मी भी साथ छोड़ देती हैं. अगर घर में थोड़े से भी जाले दिखें तो तुरंत उन्हें साफ कर देना चाहिए.
आपने देखा होगा कि संपन्न लोगों के घरों में मकड़ी के जाले का नामोनिशान तक नहीं दिखता. उनके संपन्न होने की वजह घर में साफ-सफाई ही होती है. शास्त्रों के अनुसार अगर घर की अच्छे से देखरेख करते हैं, तो उस घर मे राहु-केतु की अच्छी दृष्टि पड़ने से लोग पल भर में करोड़पति बन जाते हैं.