देश में शनिवार को अक्षय तृतीया का त्योहार मनाया जा रहा है. अक्षय तृतीया के मौके पर सोना , हीरा या गहने खरीदने की परंपरा है. अक्षय तृतीया के दिन सोने की खरीदारी अब उत्सव का रूप ले चुकी है. बाजारों में जमकर चमक दिखती है और लोग खूब सोन, चांदी और हीरे की खरीदारी करते हैं. अगर आप भी अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदने जा रहे हैं तो कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें. वरना हो सकता है कि इस त्योहार की भीड़-भाड़ में आप किसी ठगी का शिकार बन जाएं.
सोना या सोने के गहने खरीदने से पहले हॉलमार्क जरूर चेक करना चाहिए. हॉलमार्क से सोने की शुद्धता का पता चलता है. इसके तहत अमूमन 18 कैरेट से 22 कैरेट तक होते हैं. ध्यान रहे कि एक अप्रैल से सिर्फ छह डिजिट वाले अल्फान्यूमेरिक हॉलमार्किंग ही मान्य हैं.
नए नियम के अनुसार, इसके बिना सोना और सोने के आभूषण नहीं बिक सकते हैं. अगर आप सोने के गहने, गिन्नी, सिक्के या बिस्किट खरीदते वक्त यह चेक कर लें कि उस पर सही हॉलमार्क है या नहीं. इसके साथ ही हॉलमार्क की उस संख्या को बिल बिल में जरूर लिखवाएं. हर ज्वेलरी का एक यूनिक HUID नंबर होता है, जो BIS के आगे लिखा होता है.
सोने के गहने मीनाकारी से अधिक सुंदर दिखने लगते हैं. लेकिन बता दें कि मीनाकारी आपकी जेब पर भारी पड़ती है. क्योंकि मीनाकारी करते वक्त जिन रंगों का इस्तेमाल होता है उनका वजन भी सोने के साथ ही जुड़ जाता है. सामान्य रूप से ये वजन 5 से 12% तक होता है, जिसका कोई मूल्य गहने बेचते या बदलते समय वापस नहीं मिलता है. इसलिए गहने खरीदते वक्त इस बात खास ध्यान रखना चाहिए कि उसपर अधिक मीनाकारी नहीं की गई हो.
इसके अलावा गहनों की मेकिंग चार्ज पर भी खास ध्यान दें. आम तौर पर यह कुल वैल्यू का 10 फीसदी होता है. लेकिन इसे आप कम करा सकते हैं. क्योंकि जब आप गहने बेचने जाएंगे, तो मेकिंग चार्ज की वैल्यू हटाकर आपको सोने की कीमत मिलेगी.
ज्वेलरी में लगे जगमग नगीने उसकी सुंदरता बढ़ाते हैं. सोने की ज्वेलरी में लगने वाले नगीने विशेष तौर पर भारी बनाए जाते है. अंगूठी और टॉप्स में इनका खूब इस्तेमाल होता है. जब भी आप कान के लिए टॉप्स खरीदें, तो उसके नगीने विशेष तौर पर चेक करें. दुकानदार या शोरूम के मालिक से पूछें कि इसमें नगीने का कितना वजन है? इसे हम अमेरिकन डायमंड भी कहते हैं. सोने की ज्वेलरी में 5 से 15 प्रतिशत तक नगीनों का वजन हो सकता है.