मोक्षदा एकादशी 22 दिसंबर को, शुभ मुहूर्त में करेंगे पूजा तो पितरों को मिलेगा मोक्ष

0 128

इंदौर : हर साल मार्गशीर्ष महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी व्रत रखा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल मोक्षदा एकादशी 22 दिसंबर को मनाई जाएगी। पौराणिक मान्यता है कि एकादशी व्रत पर भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।

धार्मिक मान्यता है कि मोक्षदा एकादशी व्रत को यदि विधि विधान के साथ किया जाता है तो पूर्वजों की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है और भक्तों के घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है।

पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 22 दिसंबर को सुबह 08.16 बजे शुरू होगी और 23 दिसंबर को सुबह 07 बजे इस तिथि की समाप्ति होगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, 22 दिसंबर को ही मोक्षदा एकादशी मनाई जाएगी।

मोक्षदा एकादशी की पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार वैखानस नाम का एक कुलीन राजा था, जो चंपक नगर पर धर्मपूर्वक शासन करता था। उसने एक बार सपना देखा कि जिसमें उसने अपने पिता को नरक में अत्यधिक यातना सहते हुए देखा। उन्होंने अगले दिन शाही दरबार में विद्वानों के साथ राजा ने सपने पर चर्चा की, जिन्होंने राजा को इस समस्या के समाधान के लिए ऋषि पर्वत मुनि के पास जाने की सलाह दी। राजा ने महान ऋषि से मुलाकात की और अपने सपने के बारे में बताया और अपने पिता को स्वर्ग भेजने का उपाय पूछा। ऋषि ने कुछ देर के लिए अपनी आँखें बंद कर लीं और बताया कि उनके पिता ने अपनी पत्नी पर अत्याचार किया था और यही कारण है कि उन्हें नरक में कष्ट सहना पड़ा। राजा को मोक्षदा एकादशी व्रत रखने का सुझाव दिया, जिससे उनके पिता को स्वर्ग जाने में मदद मिलेगी। राजा ने अपनी पत्नी, बच्चों और रिश्तेदारों के साथ बड़ी श्रद्धा के साथ व्रत किया। इससे भगवान विष्णु प्रसन्न हुए और उनके पिता को पापों से मुक्त कर स्वर्ग ले गए।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.