साजिश को अंजाम देने पहुंचा IGI Airport, पर्दाफाश के बाद भी नहीं आया किसी के हाथ, एजेंसियों के दावे खोखले

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नई दिल्‍ली(New Delhi) । इंदिरा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय एयरपोर्ट (Indira Gandhi International Airport)की सुरक्षा में एक बार फिर सेंध लगी है। इस बार बात पहले के मामलों (cases)से न केवल कहीं ज्‍यादा गंभीर(more serious) है, बल्कि साजिशकर्ता(conspirator) की प्‍लानिंग के सामने सभी एजेंसियों के दावे खोखले (The agencies’ claims are hollow)साबित हो गए। दरअसल, इस बार साजिशकर्ता ने एयरपोर्ट में दाखिल होने के साथ-साथ अपनी साजिश को अंजाम देने के लिए एक पुख्‍ता प्‍लान तैयार किया था।

इतना ही नहीं, विफल होने की स्थिति में साजिशकर्ता ने एयरपोर्ट से भागने का सेफ एग्जिट रूट भी तैयार कर रखा था। इस बार, एयरलाइंस की सूझबूझ के चलते साजिशकर्ता अपनी साजिश को अंजाम देने में तो सफल नहीं हो पाया, लेकिन विफल होने की स्थिति में उसने जैसा सोचा था, बिल्‍कुल उसी तरह आईजीआई एयरपोर्ट से फरार होने में सफल हो गया। और, तमाम एजेंसियां हाथ मलती रह गईं।

क्‍या था यह पूरा मामला?

एयरपोर्ट सुरक्षा से जुड़े वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार, 5-6 अप्रैल 2024 की रात करीब 2 बजे एयर कनाडा एयरलाइंस के कुछ अधिकारी सफर सलमान मेलादथ वलप्पिल नाम से जारी एक पासपोर्ट लेकर इमीग्रेशन ब्‍यूरो पहुंचते हैं। उन्‍होंने इमीग्रेशन अधिकारियों को बताया कि शाम करीब 6:35 बजे एक यात्री मॉन्ट्रियल (कनाडा) का बोर्डिंग पास हासिल करने के लिए चेक-इन काउंटर पर पहुंचा था।

उन्‍होंने बताया कि इस यात्री के दस्‍तावेजों पर एयर कनाडा के चेक-इन स्‍टाफ को संदेह हुआ तो उन्‍होंने वैरिफिकेशन के लिए उन्‍हें कनाडा एंबेसी के एएलओ के पास भेज दिया। लंबे इंतजार के बाद भी जब एएलओ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो इस यात्री को विमान से ऑफ लोड कर दिया गया। इसके बाद, एयरलाइंस ने इमीग्रेशन ब्‍यूरो से इस संदिग्‍ध को अपनी हिरासत में लेने का अनुरोध किया।

कौन था यह संदिग्‍ध यात्री?

एयर कनाडा के स्‍टाफ के साथ जब इमीग्रेशन अधिकारी मौके पर पहुंचे तो वह वहां से नदारत था। लगभग सभी संभावित जगहों पर खोजने के बावजूद इस संदिग्‍ध मुसाफिर के बारे में कुछ पता नहीं चला। जिसके बाद, सीसीटीवी फुटेज की मदद से संदिग्‍ध यात्री की तलाशना शुरू किया गया। जांच में पता चला कि संदिग्‍ध यात्री एयर इंडिया की डोमेस्टिक टिकट पर T-3 के भीतर दाखिल हुआ था।

एयर इंडिया की यह टिकट दिल्‍ली से चंडीगढ़ जाने वाली फ्लाइट AI-463 की थी। यह एयर टिकट विजय कुमार थंगप्पा के नाम से जारी किया गया था। यह संदिग्‍ध यात्री एयरपोर्ट की तमाम सुरक्षा प्रक्रियाओं को पार करते हुए एयरोब्रिज एरिया में पहुंचा और एयर इंडिया की फ्लाइट से चंडीगढ़ के लिए रवाना हो गया।

क्‍या गिरफ्त में आया संदिग्‍ध?

एयर कनाडा, इमीग्रेशन ब्‍यूरो सहित एयरपोर्ट के तमाम अधिकारियों को जबतक इस पूरी साजिश के बारे में पता चलता, तब तक संदिग्‍ध युवक न केवल चंडीगढ़ एयरपोर्ट पहुंच चुका था, बल्कि एयरपोर्ट से बाहर निकलकर भीड़ में खो चुका था। सुरक्षा एजेंसियों ने सीसीटीवी कैमरों में दर्ज हुई सीसीटीवी कैमरों की मदद से संदिग्‍ध युवक की पहचान करने की कवायद शुरू कर दी है।

वहीं, इमीग्रेशन अधिकारियों के पास मौजूद संदिग्‍ध यात्री के पासपोर्ट की मदद से भी उसके सुराग तलाशने की कोशिश की जा रही है।

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