कोलकाता कांड पर डॉक्टरों के जारी विरोध प्रदर्शन पर आज फैसला, IMA ने बुलाई बैठक

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नई दिल्ली: कोलकाता में डॉक्टर से दरिंदगी के मामले में जहां कोलकाता के साथ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। कई शहरों के डॉक्टर इस घटना को लेकर हड़ताल पर चले गए थे। ऐसे में दिल्ली में आज IMA सभी रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष और सचिवों के साथ बैठक करेगा।

खबर है कि दिल्ली में आज IMA मुख्यालय में एक परामर्श बैठक के लिए सभी रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष और सचिवों को आमंत्रित किया गया है। ये बैठक आज दोपहर 2 बजे बुलाई गई है। दरअसल फिलहाल पूरे देश में जिस स्थिति में डॉक्टरों का प्रदर्शन चल रहा है और आगे किस ओर ये प्रदर्शन जाएगा इस पर आज की बैठक में फैसला लिया जाएगा।

जानकारी दें कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार और हत्या की वारदात को लेकर देशभर में जारी आक्रोश के बीच भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) के प्रमुख डॉ। आर।वी। अशोकन ने बीते 18 अगस्त को एक भावुक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने देशवासियों की पीड़ा व्यक्त की थी।

अशोकन ने “शी: वी फेल्ड हर इन लाइफ” शीर्षक से यह पत्र लिखा, जिसे चिकित्सकों की शीर्ष संस्था IMA ने बीते रविवार को सोशल मीडिया मंच ‘X’ पर साझा किया था। पत्र में लिखा गया था, “एक राष्ट्र के रूप में हमने मृत्यु के बाद उसे निराश नहीं होने दिया। राष्ट्र की मनोदशा को समझना कठिन है। गुस्सा, घृणा, हताशा, लाचारी।” इस महीने की शुरुआत में हुई घटना के विरोध में देशभर में चिकित्सक विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।

अशोकन ने कहा था कि, “वह 36 घंटे की ड्यूटी पर थी। रात के दो बजे खाना खाया और फिर वार्ड से सटे सेमिनार कक्ष में अस्थायी बिस्तर पर सो गई। निम्न मध्यम वर्गीय माता-पिता की इकलौती बेटी। प्रवेश द्वार पर डॉक्टर की नेमप्लेट परिवार के गौरव की निशानी बनकर रह गई। गमगीन हूं। जीवन का अर्थ और उद्देश्य खो गया है। हर भारतीय परिवार ने अपनी बेटी खोई है।”

उन्होंने अपने पत्र में इस बात का जिक्र किया था कि कैसे रेजिडेंट डॉक्टरों ने घटना के बाद सबसे पहले विरोध-प्रदर्शन शुरू किया। अशोकन ने कहा था कि उनकी “सतर्कता और दमखम को राष्ट्र की एकमात्र उम्मीद के रूप में देखा गया।IMA।।। स्वतंत्रता संग्राम की आग में जन्मा और ये आग अब भी जल रही है। पेशे के प्रति विवेक रखने वाला। सभी जिलों में अपनी जड़ें जमाए हुए। निवासियों का रक्षक। डॉक्टर अनाथ नहीं हैं। अभी तक तो नहीं। एक बार सभी ने डॉक्टरों को अपनाया है।”

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