नई दिल्ली: भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को कहा कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के 31 मई के आसपास केरल में दस्तक देने की उम्मीद है। दक्षिण-पश्चिम मॉनसून आम तौर पर लगभग 7 दिनों के आगे पीछे के अंतराल के साथ 1 जून को केरल में प्रवेश करता है। इसके बाद यह आमतौर पर तेजी से उत्तर भारत की ओर बढ़ता है और 15 जुलाई के आसपास पूरे देश को कवर कर लेता है।
आईएमडी के अनुमानों के अनुसार, इस साल का दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 4 दिनों के आगे-पीछे के मार्जिन के साथ, 31 मई के आसपास केरल पहुंचने की उम्मीद है। यह तारीख देश भर में मॉनसून की प्रगति को लेकर एक महत्वपूर्ण इंडिकेटर का काम करती है। दरअसल चिलचिलाती गर्मी से जूझ रहे उत्तर भारत को मॉनसून का बेसब्री से इंतजार रहता है।
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बुधवार को कहा, “यह जल्दी नहीं है। यह सामान्य तारीख के करीब है क्योंकि केरल में मॉनसून की शुरुआत की सामान्य तारीख एक जून है।” पिछले महीने, आईएमडी ने जून से सितंबर तक चलने वाले दक्षिण-पश्चिम मॉनसून मौसम के दौरान सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान जताया था। जून और जुलाई को कृषि के लिए सबसे महत्वपूर्ण मॉनसूनी महीने माना जाता है क्योंकि इस अवधि में खरीफ फसल की अधिकांश बुआई होती है।
आईएमडी ने कहा कि पिछले 19 वर्षों के दौरान केरल में मॉनसून की शुरुआत की तारीख के बारे में उसके पूर्वानुमान 2015 को छोड़कर सही साबित हुए थे। इससे पहले मौसम विभाग द्वारा मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के 19 मई के आसपास दक्षिण अंडमान सागर, दक्षिणपूर्व बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों और निकोबार द्वीप समूह में आगे बढ़ने के आसार हैं। वहीं उत्तर-पश्चिम भारत में 16 मई से और पूर्वी भारत में 18 मई, 2024 से गर्मी की लहर का एक नया दौर शुरू होने की संभावना है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को जारी अपने पूर्वानुमान में ये जानकारी दी।