किडनी शरीर के मुख्य अंग है जिसका काम खून को साफ करना और शरीर की गंदगी बाहर निकालना है। यह शरीर से एसिड को भी हटाती हैं और खून में पानी, नमक और मिनरल्स जैसे सोडियम, कैल्शियम, फास्फोरस और पोटेशियम का बैलेंस बनाती हैं। किडनी में किसी भी तरह की खराबी आपको गंभीर रूप से बीमार बना सकती है।
किडनी डैमेज होने के कारण? किडनी खराब होने के कई कारण हैं, इनमें ऑटोइम्यून किडनी डिजीज, कुछ दवाएं, डिहाइड्रेशन, यूटीआई, हार्ट और लिवर डिजीज आदि शामिल हैं। किडनी के खराब होने का एक बड़ा कारण शरीर में यूरिक एसिड लेवल ज्यादा होना भी है। खून में यूरिक एसिड बढ़ने से यह किडनी पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है, यहां तक कि किडनी पथरी का कारण भी बन सकता है।
यूरिक एसिड एक गंदा पदार्थ होता है, जो प्यूरीन के टूटने पर बनता है। प्यूरिन आपके द्वारा खाए-पिए जाने वाले खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। किडनी को डैमेज होने से बचाने के लिए यूरिक एसिड लेवल को कम करना जरूरी है। यह अपशिष्ट पदार्थ गठिया जैसी दर्दनाक जोड़ों की बीमारी गाउट भी कारण बनता है। वैसे तो यह पदार्थ पेशाब के साथ बाहर निकल जाता है लेकिन जब इसकी मात्रा अधिक हो जाती है, तो यह जोड़ों और किडनियों में छोटी-छोटी पथरी के रूप में जमा हो जाता है और उन्हें खराब करता रहता है।
अगर आप बियर और शराब का अधिक सेवन करते हैं, तो संभव है आपका यूरिक एसिड लेवल बढ़ सकता है, जो आगे चलकर आपकी किडनियों को खराब कर सकता है। NCBI की एक रिपोर्ट (Ref) के अनुसार, इसकी वजह यह है कि शराब प्यूरिन की मात्रा अधिक होती है।
हर तरह के लाल मांस में प्यूरिन की मात्रा अधिक होती है और इसके अधिक सेवन से आपका यूरिक एसिड लेवल बढ़ सकता है जिससे आपकी किडनियां खतरे में आ सकती हैं। लाल मांस कोलेस्ट्रॉल और अन्य कई गंभीर विकारों को भी जन्म दे सकता है।
इसमें कोई शक नहीं है कि किसी भी तरह का सीफूड टेस्टी और हेल्दी होता है लेकिन इसमें प्यूरिन की मात्रा अधिक होती है। शेलफिश, श्रिम्प, मसल्स, एंकोवी, सार्डिन और लॉबस्टर जैसे सीफूड का संभलकर सेवन करना चाहिए।
लिवर, किडनी, हार्ट, टंग और ट्राइप आदि में भरपूर मात्रा में प्यूरिन पाया जाता है। इन चीजों के अधिक सेवन यूरिक एसिड बढ़ने का सबसे ज्यादा खतरा होता है। अगर आप किडनी के मरीज हैं, तो आपको इनसे तौबा करनी चाहिए।
ऊपर बताई चीजों के अलावा दलिया, वीट ब्रान, मशरूम, ग्रीन मटर, पालक, शतावरी, फूलगोभी, राजमा, सूखे मटर, बीन्स और दाल आदि जैसे रोजाना खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों में प्यूरिन की अधिक मात्रा होती है।