लाहौर: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को बेल मिल गई है. उनके साथ पीटीआई नेता शाह महमूद कुरैशी को भी जमानत मिल गई है. इमरान और कुरैशी दोनों ही साइफर केस में आरोपी थे. दोनों को 10-10 लाख पाकिस्तानी रुपए के बॉन्ड पर जमानत दी गई है. दोनों नेताओं की जमानत का आदेश सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने दिया है.
साइफर केस कुछ राजनयिक दस्तावेजों से जुड़ा केस है, जिसमें इमरान खान पर आरोप है कि उन्होंने गलत तरीके से डिप्लोमेटिक डॉक्यूमेंट्स का इस्तेमाल किया था. गुप्त दस्तावेज को सार्वजनिक करके देश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा किया. पाकिस्तान की जांच एजेंसी का दावा है कि इमरान खान ने संबंधित डिप्लोमेटिक डॉक्यूमेंट्स सरकार को वापस नहीं किए.
स्पेशल कोर्ट (ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट) ने साइफर केस का नए तरीके से पिछले हफ्ते ही ट्रायल शुरू किया था. इमरान खान और महमूद कुरैशी को केस 13 दिसंबर को फिर से शामिल किए जाने के बाद अदियाला जेल में यह ट्रायल चलाया गया, जहां इमरान खान बंद हैं. दोनों नेताओं को केस में सबसे पहले 23 अक्टूबर को शामिल किया गया था. दोनों ने कोर्ट के सामने आरोप कबूल नहीं किया था. ट्रायल अदियाला जेल में ही चल रहा था और चार गवाहों ने अपना बयान भी दर्ज करा दिया था लेकिन इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने ट्रायल को किसी कारण से खारिज कर दिया था.
पाकिस्तान में अगले साल 8 फरवरी को आम चुनाव होने हैं और इससे पहले इमरान खान के चुनाव लड़ने पर आशंका बनी हुई है. पूर्व पीएम पर दर्जनों केस चल रहे हैं. इमरान को जमानत मिलने के बाद वह जेल से बाहर आएंगे या नहीं, अभी स्पष्ट नहीं है. स्थानीय मीडिया संस्थान डाउन ने खबर लिखे जाने तक इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है. चुनाव की सरगर्मी के बीच अगर वह जेल से बाहर भी आते हैं तो यह उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के लिए ईद से कम नहीं होगा.