नई दिल्ली: आर्थिक संकट से जूझ रहे पड़ोसी देश पाकिस्तान में सियासी माहौल गरमाया हुआ है. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान विवादों के बीच सुर्ख़ियों में हैं. मुश्किलों में घिरे इमरान खान को बड़ी राहत मिली है. दरअसल, बलुचिस्तान हाईकोर्ट ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान के खिलाफ क्वेटा की स्थानीय अदालत द्वारा जारी गैर जमानती वॉरंट को दो सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया है.
गौरतलब है कि इमरान के खिलाफ बुधवार (8 मार्च) को आतंकवाद के आरोप का मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में क्वेटा की एक कोर्ट ने पाकिस्तान दंड संहिता की कई धाराओं के तहत दर्ज एक मामले में गैर-जमानती गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया. इसके बाद अनुमान लगाया जा रहा था कि खान को कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक क्वेटा पुलिस की एक टीम खान को गिरफ्तार करने के लिए लाहौर पहुंची थी.
स्थानीय जियो न्यूज के अनुसार एसपी इंवेस्टीगेशन नदीम खान की अगुवाई में पांच लोगों की पुलिस टीम लाहौर पहुंची थी. उच्च न्यायालय ने वॉरंट को निलंबित करते हुए बलूचिस्तान पुलिस प्रमुख के लिए एक सम्मन भी जारी किया है. साथ ही बाद की सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया है.
बताते चलें कि इमरान खान ने बीते रविवार को अपने भाषण में संवैधानिक संस्थाओं और उनके अधिकारियों पर सवाल उठाया था. इसके बाद क्वेटा के एक पुलिस थाने में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. शिकायकर्ता ने क्वेटा के बिजली रोड पुलिस थाने में इमरान खान के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था. पूर्व पीएम पर शांति भंग करने और कानून व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश का आरोप लगाया गया है.
बता दें कि इमरान खान के बुरे दिनों का दौर पिछले साल अप्रैल से ही शुरू हो गया था जब उन्हें सत्ता से बेदखल किया गया था. प्रधानमंत्री की कुर्सी छीनने के बाद खान ने लाहौर स्थित अपने आवास पर पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित करते हुए अपने गुस्से का इजहार किया था. साथ ही उन्होंने जेल भरो तहरीक आंदोलन की अगुवाई की. तब से ही इमरान खान संवैधानिक संस्थाओं और उनके अधिकारियों पर हमला बोल रहे हैं.