एंग्जायटी में लोगों को समझ नहीं आता कि वो क्या करें और इसे कैसे कंट्रोल

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क्या आपको एंग्जायटी होती है। क्या आपको लगता है कि आपका दिमाग रूक नहीं रहा और सोच में डूबे जा रहे हैं। साथ ही इससे आपको नींद नहीं आ रही या आपको बेचैनी हो रही है। तो, ये सभी एंग्जायटी के लक्षण हैं। ऐसे में कई बार दवाओं के ज्यादा लाइफस्टाइल और डाइट सही करने की जरूरत होती है। साथ ही योग और एक्सरसाइज इस काम में आपकी मदद कर सकते हैं। लेकिन, आज हम आपको एंग्जायटी में वॉक करने के बारे में बताएंगे। तो, जानते हैं इसके बारे में।

एंग्जायटी में वॉक
एंग्जायटी में वॉक करना कई प्रकार से काम आ सकता है। पहले तो, आपको रोजाना 40 मिनट वॉक करना चाहिए। ये काम तब करें जब आपको एंग्जायटी हो। इस दौरान घर में या छत पर भी वॉक कर सकते हैं। पर कोशिश करें कि घर के बाहर निकल जाएं। थोड़ी खुली और हवादार जगह पर जाएं। ऐसा करने से मेंटल स्ट्रेस से ब्रेक मिलता है और एंग्जायटी कम होती है।

स्ट्रेस कम होता है
एंग्जायटी की शुरुआत ही स्ट्रेस से होती है। ऐसे में जब एंग्जायटी में होते हैं तो वॉक करना इस स्ट्रेस में कमी लाने का काम करता है। ये आपके दिमाग को शांत करता है और स्ट्रेस में कमी लाता है।

ओवरथिंकिंग से ब्रेक मिलता है
एंग्जायटी में अक्सर लोग ओवरथिंक करते हैं और परेशान होने लगते हैं। उन्हें लगता है कि उनकी सोच कहीं भी जाकर रूक ही नहीं रही। ऐसे में वॉक करना इस सोच पर लगाम लगाने में मददगार है। तो, अगर आपको एंग्जायटी हो तो, एक लंबा वॉक करें।

नींद अच्छी आती है
एंग्जायटी में वॉक करना नींद की कमी से लड़ने में मदद करता है। दरअसल, एंग्जायटी की वजह से लोगों को नींद नहीं आती है और वॉक करना शरीर को थका कर नींद लाने में मदद करता है। साथ ही ये शरीर का ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने के साथ ब्रेन को शांत करता है जिससे एंग्जायटी की समस्या नहीं होती है।

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