Azaan debate explodes in Karnataka:मस्जिदों में लाउडस्पीकर का मुद्दा अब गरमाया महाराष्ट्र में BJP नेता ने कहा मंदिरों में फ्री लगवाएं लाउडस्पीकर
Azan debate explodes in karnataka : महाराष्ट्र में मस्जिदों में अजान के समय लाउडस्पीकर के इस्तेमाल का मुद्दा अब तुल पकड़ चुका है । अब कर्नाटक के सीएम बासवराज बोम्मई ने भी इसपर बयानबाजी चालू कर दी है । उन्होंने कहा है कि इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश का पालान होना चाहिए । पिछले साल हाईकोर्ट ने धार्मिक स्थानों पर लाउडस्पीकर न लगाने का बयान दिया था ।
जानकारी है कि मनसे नेता राज ठाकरे ने यह मामला उठाया था । उन्होंने एक रैली के दौरान मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने को कहा है । ऐसा नहीं होने पर मंदिरों से हनुमान चालीसा लाउडस्पीकर पर चलाने को कहा है । अब महाराष्ट्र के भाजपा नेता मोहित कंबोज भी इसमें मौजूद है । उन्होंने सार्वजनिक स्थानों पर हनुमान चालीसा बजाने के लिए लाउडस्पीकर फ्री में लगवाने का ऑफर रख दिया है ।
बीजेपी के सबसे अमीर नेताओं में शामिल मोहित कंबोज ने ट्वीट कर जानकारी दी है ,की ‘जो कोई मंदिर में लाउडस्पीकर लगाना चाहता है, वह हमसे मुफ्त में ले सकता है । सभी हिंदुओं की एक आवाज होनी चाहिए! जय श्री राम! हर हर महादेव।’
मनसे कार्यकर्ताओं ने बजादी हनुमान चालीसा
बता दें कि महाराष्ट्र के कई हिस्सों में मनसे नेताओं ने हिंदू नव वर्ष गुड़ी पड़वा के अवसर पर लाउडस्पीकर से हनुमान चालीसा बजाई थी । रविवार को उन्हीं की पार्टी के कार्यकर्ता महेंद्र भानुशाली ने लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा जोरो से बजाना चालू कर दी है । इस पर पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया और जुर्माना लगाया गया। बाद में चेतावनी दी और छोड़ दिया है ।
कर्नाटक में भी गरमाया अजान पर लाउड स्पीकर का मुद्दा
कर्नाटक में भी अजान का मुद्दा गरमा गया है । मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने इस मामले पर बयान पर कहा है । उन्होंने कहा है कि इस मामले मे हाईकोर्ट के आदेश का पालन का निर्वहन किया । इससे पहले कर्नाटक के मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने कहा ‘राज्य में मस्जिदों के ऊपर लाउडस्पीकर लगाकर अजान करने संबंध में एक हल की जरुरत है ।
उन्होंने कहा, यह हाई कोर्ट का आदेश है और सब कुछ बात करके या लोगों को समझाकर करना ही जरुरी नही है । कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने इस मामले में कहा कि, ‘नियम केवल अजान के लिए नहीं हैं बल्कि जहां भी लाउडस्पीकर लगाए जाते हैं, उनको संज्ञान में लेकर कार्रवाई जरुरी है ।
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रिर्पोट – शिवी अग्रवाल