मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून को लेकर हिंसा चरम पर, अबतक 3 लोगों की मौत; केंद्र ने भेजी BSF की 5 अतिरिक्त कंपनियां
मुर्शिदाबाद : पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के खिलाफ भड़के विरोध प्रदर्शनों ने उग्र रूप धारण कर लिया है। हालात इतने बिगड़ गए कि हिंसा की आग में तीन लोगों की जान चली गई, जिनमें एक दिल दहला देने वाली घटना में पिता-पुत्र की बेरहमी से हत्या कर दी गई।
इस हिंसा की भयावहता को देखते हुए केंद्र सरकार भी हरकत में आ गई है और अब स्थिति को काबू में करने के लिए BSF की 5 अतिरिक्त कंपनियों को मुर्शिदाबाद में तैनात किया है। पहले से ही मौजूद 300 BSF जवानों के अलावा अब इन अतिरिक्त टीमों के आने से सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी की गई है। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के आईजीपी करणी शेखावत ने खुद इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि, “हमारी टीमें राज्य पुलिस के साथ मिलकर काम कर रही हैं और स्थिति को कंट्रोल में लाने में पूरी मदद कर रही हैं। हमारा मकसद शांति बहाल करना है।”
हाई कोर्ट का सख्त रुख
इस पूरे मामले पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने भी सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने राज्य सरकार को स्पष्ट निर्देश दिया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना उसकी संवैधानिक जिम्मेदारी है। जस्टिस सेन ने कहा कि नागरिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए और किसी भी तरह की हिंसा पर तत्काल लगाम लगाई जानी चाहिए।
कोर्ट ने राज्य सरकार से हिंसा की मौजूदा स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और पूछा है कि क्या जरूरत पड़ने पर केंद्रीय बलों की मदद लेने में कोई बाधा है। हालांकि, राज्य सरकार ने जवाब में कहा कि हालात नियंत्रण में हैं और फिलहाल केंद्रीय बलों की जरूरत नहीं है। अधिकारियों ने बताया कि प्रशासनिक और पुलिस के वरिष्ठ अफसर मौके पर मौजूद हैं और हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है।
पिता-पुत्र की हत्या ने सबको झकझोरा
इस बीच शमशेरगंज से आई एक खबर ने पूरे राज्य को दहला दिया। यहां लूटपाट के इरादे से पहुंचे प्रदर्शनकारियों ने एक ही परिवार के पिता और पुत्र की नृशंस हत्या कर दी। शवों पर गहरी चोटों के कई निशान पाए गए, जिससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि हमला कितना हिंसक था। परिजनों ने बताया कि उन्होंने कई बार पुलिस को फोन किया, लेकिन कोई मदद नहीं मिल सकी। हिंसा को लेकर पुलिस ने अबतक 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है।