अयोध्या: रामनगरी अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन की तैयारी अब आखिरी चरण में है. जहां एक ओर मंदिर निर्माण का काम तेजी से पूरा किया जा रहा है तो वहीं रामपथ, भक्ति पथ और सुग्रीव किला की आसपास का सौंदर्यीकरण का काम भी आखिरी दौर में है. अयोध्या को राम नाम में रंगने की तैयारी भी की जा रही है और उद्घाटन कार्यक्रम से पहले अयोध्यावासी राम लला के आने का इंतजार कर रहे हैं. 22 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी के उद्घाटन समारोह में शिरकत करने से पहले सभी तैयारियां को समय रहते पूरा किया जा रहा है.
रामराज की तरह सज रही अयोध्या में एंट्री करते ही श्रद्धालु सनातन कल्चर में डूब रहे हैं. वहीं दीवारें भी अलग-अलग कलाकृतियों से सजाई जा रही हैं. सड़कों के किनारे लग रहे सूर्य स्तंभ भगवान राम के सूर्यवंशी होने के प्रतीक को दर्शाते हैं. जिला प्रशासन के मुताबिक, धर्म पथ के सड़कों के किनारों पर दीवार बन रही है जिस पर रामायण काल के प्रसंगों को दर्शाया जाएगा. दीवारें टेराकोटा फाइन क्ले म्यूरल कलाकृतियों से सजी होंगी जो त्रेतायुग की याद दिलाएंगी. वहीं अयोध्या में अब रंग रोगन, साफ सफाई और कलाकृति का काम हर तरफ नजर आता है.
इसके अलावा नयाघाट से सहादतगंज तक जाने वाली सड़क को ‘रामपथ’ नाम दिया गया है. यह सड़क 13 किलोमीटर लंबी है. जिला प्रशासन के अधिकारी कहते हैं कि पहले यह सड़क दो लेन की थी. अब 40 फीट चौड़ी सड़क बनाई गई है. सड़क के दोनों किनारों पर मौजूद प्रतिष्ठानों, भवनों और दुकानों को एक ही डिजाइन और रंग में रंगा जा रहा है. डिवाइडर पर पौधे लगाए जा रहे हैं. बस स्टॉप भी बन रहे हैं और सड़क के किनारे फुटपाथ को सजाने का काम भी चल रहा है.
राम मंदिर के मुख्य प्रवेश मार्ग को श्रीराम जन्मभूमि पथ के रूप में डेवलप किया जा रहा है. 90 फीट चौड़े मार्ग पर लाइटिंग और केनोपी बनाने का काम हो रहा है. श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए बुनियादी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं. रास्ते के दोनों किनारों की दीवारों पर रामायण काल के प्रसंगों की कलाकृतियों से सजी होंगी जो श्रद्धालुओं को अपनी और आकर्षित करेंगी.
प्राचीन कुंडों की भी हो रही सजावट
रामनगरी के प्राचीन कुंड पौराणिक प्रसंगों के गवाह हैं. उन्हें भी सजाया जा रहा है. जिला प्रशासन के अनुसार, नयाघाट स्थित रामकथा संग्रहालय का सुंदरीकरण कराया जा रहा है. ऐतिहासिक घटनाओं की साक्षी रही राम की पैड़ी की सफाई की गई है. पंपिंग स्टेशनों की कैपेसिटी बढ़ाई गई है. हर शाम को लेजर शो के जरिए राम कथा की प्रस्तुति होती है. रामनगरी के 37 प्राचीन मंदिरों का भी पुनरुद्धार हो रहा है. अयोध्या को पुरातन महत्व के प्रतीकों से सजाया जा रहा है ताकि श्रद्धालुओं को अयोध्या में एंट्री करते ही रामराज का एहसास हो.
आखिरी चरण में रेलवे स्टेशन का काम
अयोध्या में भव्य बनाए जा रहे रेलवे स्टेशन का काम भी अब अंतिम चरण में है. इस आधुनिक स्टेशन में यात्रियों की हर सुविधा का ध्यान रखा जा रहा है. राम मंदिर की झलक के साथ मॉडर्न आर्किटेक्चर और सभी मॉडर्न सुविधाओं से युक्त स्टेशन की शुरुआत पीएम मोदी महीने के अंत में करने जा रहे हैं. विभिन्न हिस्सों से अयोध्या तक के लिए ट्रेन शुरू करने की योजना है और इनमें एक नहीं बल्कि दर्जनों ट्रेनें शामिल हैं.
19 जनवरी से शुरू हो जाएगा ट्रेनों का संचालन
उद्घाटन समारोह से पहले 19 जनवरी से ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा. बता दें भगवान श्री राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बाद 23 जनवरी से मंदिर जनता के लिए खुला रहेगा. अयोध्या को दिल्ली, मुंबई चेन्नई, बेंगलुरु, पुणे, कोलकाता, नागपुर, लखनऊ और जम्मू के साथ-साथ कई शहरों से जोड़ा जाएगा. यात्रियों की भीड़ को संभालने के लिए अयोध्या स्टेशन को एक नया रूप दे डाला है जिसमें फूड कोर्ट, एसी वेटिंग लाउंज, एस्क्लेटर, लिफ्ट, वाईफाई के साथ आईआरसीटीसी तीर्थयात्रा के दौरान चौबीसों घंटे खानपान सर्विस देगा. वहीं सरयू नदी पर इलेक्ट्रिक कैटामरन की सवारी एक नया आकर्षण भी होगा.
मार्ग पर श्रद्धालुओं के लिए ये सुविधाएं
चंपत राय ने इस पथ के बारे में जानकारी साझा करते हुए कहा कि रामलला का नया दर्शन मार्ग ‘ श्रीरामजन्मभूमि पथ बिड़ला धर्मशाला के सामने से सीधे रामलला के दरबार तक पहुंचने वाला सबसे नजदीक और सुविधाजनक मार्ग है. इस मार्ग पर भक्तों के लिए कई सुविधाएं होंगी. निशुल्क पेयजल, विश्राम, लॉकर और चिकित्सा जैसी सुविधाओं का इंतजाम पहले से ही ट्रस्ट ने कर रखी है. इस नए मार्ग पर भव्य रोशनी की व्यवस्था की गई है. यह मार्ग पिंक सैंड स्टोन से बना है, जो बेहद खूबसूरत है. रामलला की आरती के लिए पास की सुविधा का काउंटर भी इसी मार्ग पर है. इसी जन्मभूमि पथ से राम भक्त कम दूरी तय करके अपने आराध्य प्रभु श्री राम का दर्शन पूजन कर सकेंगे. पहले हनुमानगढ़ी हो करके राम जन्मभूमि मार्ग यानी कि अमावा मंदिर के पास भारी-भरकम भीड़ से होकर के राम भक्तों को रामलला का दर्शन करना पड़ता था.
राम पथ और भक्ति पथ के निर्माण में भी तेजी
राम पथ और भक्ति पथ का भी निर्माण तेजी से किया जा रहा है. राम पथ 14 किमी लंबा है, जो अयोध्या सिटी और अयोध्या धाम दोनों नगरों से होकर जाता है. इसका निर्माण पूरा करने के दिसंबर 2023 डेड लाइन तय की गई है, जबकि भक्ति पथ का निर्माण भी लगभग पूरा हो गया है. राम पथ से राम मंदिर जाने वाले रूट में गाड़ियों की भारी संख्या को नियंत्रित रखने के लिए यहां मल्टीलेयर पार्किंग का निर्माण किया जा रहा है, जो नवंबर तक पूरा हो जाएगा.
कब तैयार होगा मंदिर का गर्भ गृह
राम मंदिर के निर्माण कार्य में काफी गति देखी जा रही है. जानकारी के अनुसार अक्टूबर 2023 तक गर्भ गृह तैयार हो जाएगा. 24 जनवरी 2024 को रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे. आने वाले समय रामलला के श्रद्धालुओं के तादाद में भी इजाफा देखने को मिलेगा. रोजाना लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है. जिसे देखते हुए अयोध्या में सड़क चौड़ीकरण का कार्य भी हो रहा है.