नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) ने ऐलान कर दिया है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल प्रधानमंत्री पद के दावेदार होंगे। पार्टी के दूसरे सबसे नेता मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई जांच के बीच ‘आप’ ने कहा है कि अगले लोकसभा चुनाव में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ही पीएम मोदी को टक्कर देंगे। पार्टी का कहना है कि मोदी वर्सेज हू का जवाब मिल गया है और मोदी का विकल्प केजरीवाल ही बन सकते हैं। हालांकि, 2014 में पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी सीट से चुनाव लड़ने वाले केजरीवाल को ना सिर्फ उस सीट पर हार का सामना करना पड़ा था, बल्कि सैकड़ों उम्मीदवारों को लड़ाने के बावजूद पार्टी को सिर्फ पंजाब में 4 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। वहीं, 2019 में पार्टी को महज एक सीट पर जीत मिली थी।
दिल्ली के बाद पंजाब में सत्ता हासिल करने वाली ‘आप’ के संयोजक अरविंद केजरीवाल का हौसला बुलंद है और वह इस समय भाजपा के सबसे बड़े गढ़ गुजरात में पूरा जोर लगा रहे हैं। इसके अलावा हिमाचल में भी पार्टी पैर जमाने की कोशिश में है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यदि गुजरात में पार्टी अच्छा प्रदर्शन कर पाती है तो उसे राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार में काफी मदद मिलेगी। पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के गढ़ में यदि पार्टी विपक्ष का भी स्थान हासिल कर पाती है तो वह इस नैरेटिव को मजबूत कर पाएगी कि भाजपा का मुकाबला कांग्रेस नहीं ‘आप’ कर सकती है।
कितनी है केजरीवाल की लोकप्रियता
दिल्ली की सत्ता पर प्रचंड बहुमत से काबिज केजरीवाल प्रधानमंत्री पद के लिए कितने लोकप्रिय हैं इसका सटीक जवाब तो 2024 में चुनाव नतीजे बताएंगे फिलहाल कुछ हालिया सर्वे से इसका संकेत जरूर मिलता है। इसी महीने 11 अगस्त को हुए सर्वे के मुताबिक, पीएम मोदी की लोकप्रियता अब भी बरकरार है। सर्वे के मुताबिक, पीएम मोदी को 53 फीसदी लोग पीएम पद के लिए पहली पसंद मानते हैं। वहीं, 9 फीसदी लोगों ने राहुल गांधी को बेहतर माना तो अरविंद केजरीवाल इस रेस में तीसरे नंबर पर हैं, उन्हें 7 फीसदी लोगों ने पहली पसंद बताया। हालांकि, जिस समय यह सर्वे किया गया उस समय तक आप ने केजरीवाल को दावेदार घोषित नहीं किया था।
2024 की तैयारी में जुटे केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में ‘मेक इंडिया नंबर वन’ कैंपेन की शुरुआत की है। उन्होंने इसका ऐलान करते हुए कहा कि वह देशभर में जाएंगे और 130 करोड़ लोगों का गठबंधन तैयार करेंगे। पार्टी ने राष्ट्रवाद, सॉफ्ट हिंदुत्व और शिक्षा-स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं को बेहतर बनाने जैसे वादों के साथ अपना वोट बेस बढ़ाने की कोशिश की है। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि केजरीवाल अपनी पार्टी को बीजेपी का विकल्प बनाना चाहते हैं और इसके लिए वह बीजेपी के अजेंडे को भी हथियाने की कोशिश करते दिख रहे हैं। अगले दो साल में वह इस तरह के कई नए प्रयोग कर सकते हैं। इसके अलावा पार्टी अगले दो साल में कम से कम 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है और इसके लिए संगठन को मजबूत किया जा रहा है।