प्रयागराज महाकुंभ के इस कैंप में 9 विदेशी महामंडलेश्वर दुनिया में फैला रहे सनातन

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प्रयागराज. महाकुंभ न केवल भारतीय संस्कृति और अध्यात्म का उत्सव है, बल्कि ये दुनिया में सनातन धर्म की महत्ता को बताता है. प्रयागराज महाकुंभके सेक्टर 17 में ऐसा ही एक मुक्तिधाम कैंप लगा है, जिसमें अमेरिका, फ्रांस समेत पश्चिम के कई देशों से करीब 40 साधु-संत पहुंचे हैं, जो विदेशों में सनातन धर्म का प्रचार कर रहे हैं. ये कैंप आध्यात्मिक संत साईं मां लक्ष्मी देवी मिश्रा का है, जोकि जगद्गुरु हैं.

इस कैंप में नौ महामंडलेश्वर हैं, जिनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं. विदेशी मूल के महामंडलेश्वर सनातन धर्म को अपनी प्रतिभा, शिक्षा और अनुभव के जरिए दुनियाभर में प्रचार और प्रसार कर रहे हैं. इनमें से कोई पीएचडी तो साइकोलॉजिस्ट, कोई म्यूजिशियन तो कोई इंजीनियर है. इनमें से किसी की उम्र 40 है तो किसी की उम्र 75 साल है.

जगद्गुरु साई मां और उनके विदेशी मूल के महामंडलेश्वर संतों के अतिरिक्त कई देशों से हिंदू धर्म के प्रति आस्था रखने वाले सैकड़ों विदेशी मूल के अनुयायियों ने महाकुंभ का अमृत स्नान किया. साईं मां को 2007 के प्रयाग अर्धकुंभ में वैष्णव साधु समाज द्वारा जगद्गुरु की उपाधि दी गई थी. प्रयागराज में 2019 के कुंभ मेले में, साईं मां के नौ ब्रह्मचारियों को अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़े में महामंडलेश्वर के रूप में दीक्षा दी गई. यह एक ऐसा सम्मान है जो ब्रह्मचारियों के ऐसे अंतरराष्ट्रीय समूह को पहले कभी नहीं दिया गया.

बता दें कि जगद्गुरु साईं मां स्वामी बालानंदाचार्य द्वारा 1477 ईस्वी में स्थापित अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा से संबंधित हैं. मॉरीशस में एक हिंदू ब्राह्मण परिवार में जन्मी साईं मां ने अपना जीवन सनातन धर्म के शाश्वत ज्ञान को विश्व भर में फैलाने के लिए समर्पित कर दिया है. साईं मां ने दिव्य प्रेम और सेवा के प्रतीक के रूप में काशी (वाराणसी), भारत में शक्तिधाम आश्रम की स्थापना की, जिसने विश्व भर से छात्रों को आकर्षित किया है.

साईं मां ने अमेरिका, जापान, कनाडा, यूरोप, इजराइल और दक्षिण अमेरिका में आध्यात्मिक केंद्रों के निर्माण को प्रेरित किया है, अपनी परिवर्तनकारी शिक्षाओं और प्रथाओं के माध्यम से लोगों को एकजुट किया है. इसके अलावा, साईं मां शक्तिशाली यज्ञों और प्राचीन वैदिक अनुष्ठानों के माध्यम से ऊर्जावान रूप से काम करती हैं ताकि व्यक्तियों, समुदायों और मानवता को शुद्ध और उन्नत किया जा सके.

आध्यात्मिकता में पीएचडी के साथ, साईं मां एक प्रेरक मुख्य वक्ता हैं जो अपनी गहन बुद्धि और गतिशील उपस्थिति से विश्व भर के दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देती हैं. उनकी व्यस्तताएं आध्यात्मिक रूप से केंद्रित पॉडकास्ट से लेकर प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों तक फैली हुई हैं. साईं मां ने विश्व धर्म संसद में एक प्रतिनिधि के रूप में काम किया है, इटली में पोप के ग्रीष्मकालीन निवास पर संश्लेषण संवाद में भाग लिया है, और दलाई लामा और थिच नहत हान जैसे आध्यात्मिक दिग्गजों के साथ मंच साझा किया है. साईं मां के कार्यों में कॉन्शियस लिविंग: द पॉवर ऑफ़ एम्ब्रेसिंग योर ऑथेंटिक यू, एक पुस्तक शामिल है जिसका पांच भाषाओं में अनुवाद किया गया है. जगद्गुरु साईं मां शक्तिधाम आश्रम शिविर में एक महीना कल्पवास करेंगी एवं शिविर में महीने भर यज्ञ, अनुष्ठान करेंगी.

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