यूपी में युवक और युवतियों को फर्जीवाड़ा कर जारी कर रहे लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस

0 79

उत्तर प्रदेश : यूपी में 18 वर्ष की उम्र पार करने वाले युवक और युवतियों को फर्जीवाड़ा कर लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस जारी किए जा रहे हैं। ऐसे लर्निंग डीएल बनाने वाले गिरोह के सात सदस्य यूपी के कई शहरों में सक्रिय हैं। इन्होंने परिवहन विभाग की ऑनलाइन आधार प्रमाणीकरण व्यवस्था में सेंध लगा दिया है। जहां आवेदक को बगैर परीक्षा दिए टेस्ट पास कर लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर रहे हैं। आवेदकों को परीक्षा में ट्रैफिक नियमों से जुड़े 15 सवालों के जवाब देने होते हैं। इनमें नौ के सही जवाब देने वाले ही पास होते हैं। मगर साइबर कैफे में सक्रिय गैंग के सदस्य खुद परीक्षा देकर पास हो रहे है।

बदले में आवेदक से 500 से 2000 रुपये तक अतिरिक्त सुविधा शुल्क लेकर ड्राइवर बनने का लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जा रहा है। गैंग के सक्रिय सदस्य लखनऊ, नोएडा, गाजियाबाद, जौनपुर, प्रयागराज और कौशांबी शहर के साइबर कैफे से जुड़े हैं। ऑनलाइन लर्निंग डीएल आवेदन व्यवस्था में सेंध लगाने वाले दो वर्ष से सक्रिय हैं। जहां आधार के पते पर लर्निंग डीएल के आवेदन प्रक्रिया के साफ्टवेयर में खामियों के चलते लगातार फर्जीवाड़े की शिकायतें मुख्यालय पहुंच रहीं। जहां आवेदकों से आधार और मोबाइल नंबर लेकर एक घंटे में लर्निंग डीएल जारी करने का दावा कर रहे हैं।

गैंग के सदस्य व्हाट्सएप नंबर पर आवेदक को आधार की दोनों तरफ की फोटो और खुद का नंबर भेजना होता है। आवेदन होते ही आवेदक के मोबाइल नंबर पर ओटीपी आता है। उसे दर्ज करने पर फार्म भर जाता है। दोबारा टेस्ट के लिए ओटीपी आता है। उसे दर्ज कर टेस्ट में पास हो जाते है। इस बीच कहीं भी आवेदक की जरूरत नहीं पड़ती है और लर्निंग डीएल बगैर परीक्षा दिए जारी हो जाता है।

छह जनवरी 2022 को यूपी में आधार के पते पर ऑनलाइन शिक्षार्थी यानी लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की व्यवस्था लागू की गई। इससे 18 वर्ष की उम्र पार करने वाले आवेदकों को आरटीओ कार्यालय जाने की जरूरत खत्म हो गई। बदले में फेसलेस लर्निंग डीएल घर बैठे आवेदन कर टेस्ट देने के बाद खुद से डीएल प्रिंट करने की व्यवस्था रही। इस व्यवस्था में साइबर कैफे वालों ने सेंध लगा दिया।

ऑनलाइन लर्निंग डीएल आवेदन साफ्टवेयर में बदलाव के लिए पूर्व परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को चिट्ठी भेजी थी। एनआईसी की ओर से आधार प्रमाणीकरण लर्नर लाइसेंस प्रक्रिया और मजबूत करते हुए बदलाव के लिए सिफारिश की थी।

अपर परिवहन आयुक्त (आईटी) अशोक सिंह के अनुसार लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस साफ्टवेयर में गड़बड़ी मिली है। इसका फायदा उठाकर कुछ सक्रिय लोग बगैर आवेदक के ट्रैफिक नियमों की परीक्षा दिए लाइसेंस जारी कर रहे हैं। प्रदेश में ऐसे आधा दर्जन से ज्यादा लोगों के सक्रिय होने की सूचना है। ऐसे में साफ्टवेयर में बदलाव के लिए एनआईसी को चिट्ठी भेजी गई है, ताकि फर्जीवाड़ा रोका जा सके।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.