यूपी के किसानों को गुणवत्तायुक्त मृदा परीक्षण, बीज, खाद, कृषि रक्षा रसायन मिलने से फसलोत्पादन में हुई बढ़ोत्तरी

0 233

लखनऊ: प्रदेश के किसानों को फसलोत्पादन हेतु प्रदेश सरकार हर तरह की सहायता दे रही है। किसानों की आय में बढोत्तरी तभी होती है जब उनकी फसल की अच्छी पैदावार हो। खेत में अच्छी पैदावार के लिए यह जरूरी है कि खेत की मिट्टी की मृदा जाँच हो, मिट्टी में पोषक तत्व सही मात्रा में हो। खेत का खर-पतवार साफ कर जुताई व खाद डालकर जब फसल बोई जाय तो उसके बीज प्रमाणित एवं अच्छी प्रजाति के हो। खेती में समय से सिंचाई हो और बीज बोते समय देशी जैविक/रसायनिक खाद व पौधों के कुछ बड़े होने पर अच्छी गुणवत्ता के उर्वरक डाला जाय। पौधों के बड़े होने या फसल में दाने आने के पूर्व कीट-पतंगों व रोग के बचाव हेतु सही मात्रा से कृषि रक्षा रसायनों का प्रयोग किया जाय तो निःसन्देह किसान की फसल का अच्छा उत्पादन होगा और ज्यादा फसल उत्पादन की बढ़ोत्तरी से किसान की आय में वृद्धि होती है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में प्रदेश के किसानों को बीज, खाद, सिंचाई की सुविधा, कृषि यंत्रों में छूट, आदि की सहायता देते हुये फसल उत्पादन में बढ़ोत्तरी की गई है। प्रदेश के किसानों को अनुदान पर गुणवत्तायुक्त बीज उपलब्ध कराते हुये फसलोत्पादन में वृद्धि की गई है। प्रदेश सरकार ने सर्वप्रथम किसानों की फसल पैदावार में बढ़ोत्तरी के लिए खेत की मिट्टी की मृदा परीक्षण कराया। प्रदेश में दो चरणों में मृदा परीक्षण कराते हुए अब तक कुल 376.24 लाख मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरित किया गया है। प्रदेश के 32394 ग्रामों के किसानों को प्रशिक्षण देकर भूमि की उर्वरा शक्ति बढाने के विषय में बताया गया है। सरकार ने मृदा की आवश्यक रसायनिक पोषक तत्वों कार्बन, हाइड्रोजन, आक्सीजन, फास्फोरस, नाइट्रोजन पोटाश, कैल्सियम, मैगनीशियम आदि की मात्रा की जाँच कराते हुए, जिन किसानों की भूमि में जिन पोषक तत्वों की कमी थी, उस भूमि में आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति कराते हुए मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया है।

भूमि की जाँच कराने के बाद प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को विभिन्न फसलों के अनुदान पर प्रमाणित बीज उपलब्ध कराया है। प्रदेश सरकार द्वारा रबी 2018-19 में समस्त योजनाओं के अन्तर्गत समस्त प्रकार के बीजों पर 10 प्रतिशत अनुदान राज्य सेक्टर एवं भारत सरकार की बीज ग्राम योजनान्तर्गत धान्य फसलों पर 25 प्रतिशत एवं दलहनी/तिलहनी फसलों पर 15 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान राज्य सेक्टर से दिया है। बुन्देलखण्ड के कृषको को वर्तमान सरकार ने सभी फसलों के लिए 80 प्रतिशत प्रमाणित बीजों पर अनुदान दिया है। सरकार ने रबी वर्ष 2020-21 व वर्ष 2021-22 के सभी फसलों के सभी बीजों के मूल्य का 50 प्रतिशत अनुदान कृषको को उपलब्ध कराया है। प्रदेश सरकार ने किसानों को प्रमाणित गुणवत्तायुक्त बीज उपलब्ध कराते हुए उत्पादन में वृद्धि की है। प्रदेश सरकार ने किसानों को मार्च 2022 तक 300.28 लाख कुन्टल समस्त प्रकार के बीजों का वितरण किया है।

प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती पर विशेष बल दे रही है। इसके लिए इस वर्ष बजट में प्राविधान भी किया गया है। खेत में बीज बुआई के समय एवं बाद में किसानों को उर्वरक की जरूरत पड़ती है। प्रदेश सरकार किसानों को कम्पोस्ट खाद, जैविक खाद खेत में डालने का बढ़ावा दे रही है। फिर भी किसान अधिक उत्पादन के लिए रसायनिक उर्वरक का प्रयोग करते है। प्रदेश के किसान हितैषी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने किसान हित में उर्वरक यूरिया से ए.सी.टी.एन. टैक्स समाप्त कर यूरिया की दरों को अन्य प्रदेशों के समान ही रखा। प्रदेश सरकार ने प्रदेश में यूरिया, डी.ए.पी., सुपर फास्फैट, जिन्क सल्फेट, पोटाश आदि उर्वरकों की कमी नही होने दी। सभी फसलों में किसानों को आवश्यकतानुसार सभी उर्वरक उपलब्ध कराया गया। सरकार ने अच्छी व्यवस्था करते हुए मार्च 2022 तक कुल 440.60 लाख मै0टन उर्वरकों का वितरण किसानों के मध्य कराया है।

फसलोत्पादन के लिए कृषि रक्षा रसायन का प्रयोग किसानों के लिए आवश्यक हो गया है। आज औद्योगीकरण के युग में वायुमंडल में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। प्रदूषण, मौसम बदलाव एवं फसली रोग के कारण फसलों पर भी दुष्प्रभाव पड़ने लगता है और किसान की फसल खराब होने लगती है। ऐसी स्थिति में किसान को फसली रोगों, कीट-पतंगो व अन्य हानिकारक तत्वों से फसल बचाने के लिए कृषि रक्षा रसायनों का प्रयोग करना पड़ता है। वर्तमान सरकार ने प्रदेश में मार्च, 2022 तक कुल 88347.66 मै0 टन/कि0ली0 कृषि रक्षा रसायनों का वितरण कराते हुए किसानों के फसल उत्पादन में वृद्धि की है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा किसानों के खेतो की मृदा परीक्षण प्रमाणित एवं गुणवत्तायुक्त बीज, खाद, कृषि रक्षा रसायनो का वितरण एवं सिंचाई की अच्छी सुविधा देने का ही परिणाम है कि प्रदेश में खाद्यान्न उत्पादन वर्ष 2017-18 में ही पूर्व वर्षों से 16.38 लाख मैट्रिक टन अधिक हुआ। उसी तरह वर्ष 2018-19 में 604.15 लाख मैट्रिक टन खाद्यान्न उत्पादन हुआ जो अब तक का सर्वाधिक उत्पादन है। वर्ष 2019-20 में 601.84 लाख मैट्रिक टन खाद्यान्न 13.05 लाख मै0 टन तिलहन, वर्ष 2020-21 में 619.47 लाख मैट्रिक टन खाद्यान्न उत्पादन प्राप्त हुआ है। 17.95 लाख मै0टन तिलहन का उत्पादन हुआ है। वर्ष 2021-22 में 601.31 लाख मै0टन खाद्यान्न उत्पादन हुआ है। रबी फसल में सर्वाधिक उत्पादन हुआ है जो एक रिकार्ड है। प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को हर तरह की सहायता दिये जाने का ही परिणाम है कि प्रदेश में खाद्यान्न उत्पादन में बढ़ोत्तरी होने से किसानों की आय में भी वृद्धि हुई है।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.