जोशीमठ: जोशीमठ में भवनों में दरार आने का सिलसिला जारी है। रविवार तक जहां 610 भवनों में दरार आई थी तो यह आंकड़ा आज 678 हो गया है। वहीं विस्थापित होने वाले परिवारों की संख्या भी 68 से बढ़कर 81 हो गई है। दूसरी ओर प्रशासन ने अब ऐसे भवन जिनमें रहना जोखिमपूर्ण है, रविवार दोपहर बाद से जाज निशान लगाने शुरू कर दिए हैं, जिसका अर्थ है कि इनमें रहने वाले परिवारों को आवश्कय रूप से राहत शिविरों में भेजा जाएगा।
संयुक्त मजिस्ट्रेट दीपक सैनी ने बताया कि नगर के मनोहरबाग, सिंहधार एवं मारवाड़ी को चार डेंजर जोन में बांट गया है जहां पर से सभी लोगों को सुरक्षा की दृष्टि में अन्यत्र शिफ्ट किया जा रहा है साथ ही इन क्षेत्रों में एसडीआरएफ का मूवमेंट भी रखा गया है ताकि किसी भी प्रकार की चुनौती होने पर उससे बचा जा सके। लोगों को सुरक्षित स्थानों में वैकल्पिक रूप से ठहराने के लिए प्रशासन ने नगर जोशीमठ में 19 और नगर से बाहर 20 भवनों का चिन्हीकरण कर दिया है। प्रशासन की मंशा है कि यदि नगर में स्थिति और बिगड़ी तो लोगों को नगर से बाहर के होटल एवं भवनों में वैकल्किप रूप से ठहराया जा सके।
दो दिन में 90 से अधिक भवनों में लगे लाल निशान
एडीएम चमोली द्वारा नगर में नौ सेक्टर टीमों का गठन कर दिया गया है जो नगर के हर भवन का बारीकी से निरीक्षण कर रही है व उसकी स्थित को लिखित कर रही है। दो दिन में इन टीमों ने नगर के विविध क्षेत्रा में 90 से अधिक भवनों में लाल निशान लगा दिए हैं जिसका मतलब है कि ये भवन अब खतरे में है व इनमें रहने वाले लोगों को विस्थापन केन्द्रों में या अन्यत्र किराये पर रहना होगा।