नई दिल्ली : भारतीय पैरा एथलीट्स ने चीन के हांगझोउ में खेले जा रहे एशियन पैरा गेम्स में शनिवार को इतिहास रचते हुए अपने अभियान को खत्म किया। उन्होंने इस गेम्स में पहली बार 100 मेडल का आंकड़ें को पार करते हुए सभी रिकॉर्ड तोड़ डाले। या यूं करना भी गलत नहीं होगा कि यह मेडलों का ऐतिहासिक शतक है। भारत ने एशियन पैरा गेम्स में कुल 111 मेडल जीते। यह किसी भी बड़े इंटरनेशनल गेम्स में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। भारतीय पैरा खिलाड़ियों ने 29 गोल्ड, 31 सिल्वर और 51 ब्रॉन्ज मेडल जीता। इससे पहले एशियन गेम्स में भारत ने 107 मेडल जीते थे।
एशियन पैरा गेम्स के पदक तालिका में भारत पांचवें स्थान पर रहा। चीन ने 521 पदक जीते जबकि ईरान ने 131 मेडल अपने नाम किए। जापान तीसरे और कोरिया चौथे स्थान पर रहा। पहले पैरा एशियाई खेल 2010 में ग्वांग्झू में हुए थे जिसमें भारत 14 पदक जीतकर 15वें स्थान पर रहा था। इसके बाद 2014 में भारत 15वें और 2018 में नौवे स्थान पर रहा। यह तीसरी बार है जब भारत ने किसी इंटरनेशनल टूर्नामेंट में 100 से ज्यादा मेडल जीते हैं। भारत ने इससे पहले 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स में भी 101 मेडल जीते थे।
भारतीय पैरालम्पिक समिति की अध्यक्ष दीपा मलिक ने कहा कि भारत ने इतिहास रच दिया। भारत के पैरा एथलीटों ने देश को गौरवान्वित किया है। अब पेरिस पैरालम्पिक में टोक्यो से अधिक पदक जीतेंगे। उन्होंने कहा कि वह इस प्रदर्शन से हैरान नहीं है। उन्हें 110 से 115 के बीच मेडल मिलने की उम्मीद थी और 111 शुभ आंकड़ा है। भारतीय खिलाड़ियों ने एथलेटिक्स में सबसे ज्यादा 55 पदक जीते जबकि बैडमिंटन खिलाड़ियों ने चार गोल्ड समेत 21 पदक जीते हैं। शतरंज में आठ और तीरंदाजी में सात पदक मिले जबकि निशानेबाजों ने छह पदक जीते। आखिरी दिन शनिवार को भारत ने चार गोल्ड समेत 12 मेडल जीते। इनमें से सात पदक शतरंज में, चार एथलेटिक्स में और एक नौकायन में मिला।