टोक्यो : पेरिस ओलंपिक भारत के लिए उतना अच्छा नहीं रहा था, लेकिन पैरालंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों ने दमदार प्रदर्शन करते हुए इतिहास रचा है। भारत ने अपने ही रिकॉर्ड को चूर-चूर किया है, जो टोक्यो पैरालंपिक खेलों में बनाया था। भारत ने एक पैरालंपिक खेलों में सबसे ज्यादा मेडल जीतने का अपना नया रिकॉर्ड कायम किया है। भारतीय टीम और खिलाड़ियों ने पेरिस में जारी पैरालंपिक खेलों में कुल 20 पदक जीत लिए हैं और ये एक पैरालंपिक में भारत के लिए सबसे ज्यादा पदक हैं, क्योंकि टोक्यो में भारतीय खिलाड़ी और टीमें मिलकर कुल 19 पदक जीत पाए थे।
भारत ने पैरालंपिक गेम्स 2024 में 20 पदकों में से 3 गोल्ड मेडल, 7 सिल्वर मेडल और 10 ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं। आधे मेडल भारत को पैरा एथलेटिक्स में मिले हैं, जबकि पैरा बैडमिंटन में भारतीय खिलाड़ी 5 मेडल जीतने में सफल रहे हैं, जबकि शूटिंग में चार और तीरंदाजी में एक पदक अब तक भारत ने जीता है। मंगलवार 3 सितंबर को भारत ने कुल पांच पदक अपने नाम किए। दीप्ति जीवनजी ने वुमेंस 400 मीटर टी20 कैटेगरी में कांस्य पदक जीतकर भारत के लिए दिन का पहला मेडल जीता। इसके बाद मेंस जेव्लिन थ्रो एफ46 फाइनल में भारत को दो पदक मिले, जिसमें अजीत सिंह ने 65.62 मीटर का थ्रो फेंककर सिल्वर मेडल जीता और सुंदर सिंह गुर्जर ने 64.96 मीटर थ्रो से कांस्य पदक अपने नाम किया।
भारत ने पहली बार पैरा एथलेटिक्स में एक ही स्पर्धा में दो मेडल जीते हैं। इसके बाद मेंस हाई जंप टी63 फाइनल में दो और पोडियम फिनिश देखने को मिलीं। शरद कुमार (T42) ने 1.88 मीटर की जंप के साथ सिल्वर मेडल पर कब्जा किया, जबकि शरद को टोक्यो में ब्रॉन्ज मेडल मिला था। वहीं, मरियप्पन थंगावेलु को 1.85 मीटर की जंप के साथ ब्रॉन्ज मेडल मिला। इस तरह दिन में कुल 5 मेडल भारत ने जीते। हैरान करने वाली बात ये थी कि भारत ने कुछ ही खेलों में भाग लिया था।