लंदन: भारत और यूरोपीय संघ ने कहा है कि वे मूलभूत मूल्यों को साझा करते हैं और एक बहु-ध्रुवीय दुनिया में सुरक्षा, समृद्धि और सतत विकास सुनिश्चित करने में दोनों का साझा हित है। दोनों देशों ने एक साझा बयान में यह भी कहा कि दोनों पक्ष विकास की गति को बढ़ाने और आधुनिक डिजिटल तकनीक तैनात करने के लिए आपसी साझेदारी को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं जिससे दोनों ही देशों को फायदा होगा।
भारत-यूरोपीय संघ व्यापार एवं तकनीकी परिषद (TTC) की पहली बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में दोनों पक्षों ने कहा कि वे दोनों ही चुनौतीपूर्ण और अस्थिर वैश्विक राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। ब्रसेल्स में मंगलवार शाम को संपन्न हुई बैठक की सह-अध्यक्षता यूरोप की ओर से कार्यकारी उपाध्यक्ष मार्ग्रेथ वेस्टेगर और वाल्डिस डोंब्रोव्स्की ने की। इस बैठक में भारत की ओर से विदेश मंत्री एस जयशंकर, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, कौशल विकास एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर मौजूद थे। संयुक्त बयान में कहा गया, ‘‘भू-रणनीतिक चुनौतियों ने यूरोपीय संघ और भारत के साझा हित को मजबूत किया है ताकि साझा मूल्यों के आधार पर सुरक्षा, समृद्धि और सतत विकास सुनिश्चित किया जा सके।
TTC यूरोपीय संघ-भारत द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने में मदद करेगा, जो फिलहाल ऐतिहासिक रूप से उच्च स्तर पर है। वर्ष 2022 में 120 अरब यूरो मूल्य की वस्तुओं का कारोबार हुआ, जबकि इसी वर्ष 17 अरब यूरो मूल्य के बराबर डिजिटल उत्पादों और सेवाओं का कारोबार हुआ था।” बयान के मुताबिक, दोनों पक्षों ने नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता के सिद्धांतों का पूर्ण सम्मान, क्षेत्रीय अखंडता, पारदर्शिता और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के महत्व पर भी जोर दिया। संयुक्त बयान में वैकल्पिक आधार पर TTC की वार्षिक बैठक यूरोपीय संघ और भारत के बीच कराने का आह्वान किया गया। इसकी अगली बैठक वर्ष 2024 की शुरुआत में भारत में होना प्रस्तावित है।