नई दिल्ली : चीन और फिलीपींस के टकराव पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत (India) का हमेशा कहना रहा है कि मुद्दों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने की आवश्यकता है। इस मुद्दे हमारा रुख साफ है कि दोनों देशों को अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करना चाहिए।
भारत ने एक बार फिर दक्षिण चीन सागर को लेकर टिप्पणी की है। भारत ने विवादों को सुलझाने के लिए शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान किया है। बता दें, हाल ही में दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस और चीन का टकराव हो गया था, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। फिलीपींस का आरोप है कि चीनी तटरक्षक उसके जहाजों पर पानी की बौछारे करते हैं। दक्षिण चीन सागर में आवाजाही के दौरान चीन अवरुद्ध हमेशा अवरुद्ध पैदा करता है। फिलीपीनी तटरक्षकों (पीसीजी) ने चीनी कार्रवाई को गैरकानूनी बताया है।
चीन और फिलीपींस के टकराव पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत का हमेशा कहना रहा है कि मुद्दों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने की आवश्यकता है। इस मुद्दे हमारा रुख साफ है कि दोनों देशों को अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करना चाहिए। नई दिल्ली ने विवादों को शांति से सुलझाने के प्रयासों और उसकी जरुरतों को रेखांकित किया है।
बागची का कहना है कि हम दोनों देशों से आग्रह करते है कि वे अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करें। शांतिपूर्ण समाधान किया जाए। दोनों देशों को यह भी सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि ऐसे विवाद बाद में न हों। चीन दक्षिण चीन सागर में अपनी प्रभुत्ता कायम करना चाहता है, जिस वजह से वैश्विक चिंताएं बढ़ रही हैं। फिलीपींस ही नहीं बल्कि, वियतनाम और ब्रुनेई सहित इस इलाके के कई देश चीन से परेशान हैं। उनके पास भी चीन के खिलाफ कई आरोप हैं।
सूडान में इन दिनों गृहयुद्ध जारी है। 600 से अधिक सूडानी नई दिल्ली में फंसे हुए हैं, जिनकी अवधि लगातार बढ़ रही है। बागची ने कहा कि भारत उन्हें संभावित सहायता दे रहा है। कुछ महीने पहले सूडान में हिंसा भड़क गई थी, जिस वजह से वहां की हवाई सेवाएं निलंबित हैं। वहां हवाई संपर्क बहुत सीमित है। चिकित्सा और पढ़ाई के लिये भारत आए सूडानी नागरिक भारत वापस नहीं जा पाए। बागची ने कहा कि वे सूडानी दूतावास के संपर्क में हैं। हम जो भी सहायता दे सकते हैं, हम निश्चित रूप से देंगे। वर्तमान में 600 से 700 सूडानी नागरिक भारत में फंसे हुए हैं। नई दिल्ली उन्हें सहायता प्रदान कर रही है।
भारत ने शुक्रवार को उम्मीद जताई है कि चीन ऐसी परिस्थितियों को सुनिश्चित करे, जिससे भारतीय पत्रकार चीन में रह सकें और रिपोर्टिंग कर सकें। बागची ने कहा कि मैं वीजा के मामलों में नहीं पड़ूंगा। आशा है कि चीन ऐसी परिस्थितियां सुनिश्चित करेगा जो हमारे पत्रकारों को वहां रहने और रिपोर्ट करने की अनुमति दे।