इंदौर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि, आज भारत के पास न केवल दुनिया के नॉलेज सेंटर बनने का, बल्कि स्किल कैपिटल बनने का सामथ्र्य भी है। वहीं प्रवासी भारतीयों की यह महत्वपूर्ण जिम्मेवारी है कि विश्व की भारत के प्रति बढ़ती हुई जिज्ञासा को शांत करें। वे भारत के ‘सस्टेनेबल फ्यूचर’ के मॉडल को विश्व भर में प्रचारित करें। प्रधानमंत्री मोदी ने आज ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर इंदौर में 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का विधिवत शुभारंभ करते हुए कहा, हमारे लिए पूरा संसार ही हमारा स्वदेश है।
दुनिया के किसी एक देश में जब भारत के अलग-अलग प्रान्तों, अलग-अलग क्षेत्रों के लोग मिलते हैं, तो ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का सुखद अहसास भी होता है। दुनिया के अलग-अलग देशों में जब सबसे शांतिप्रिय, लोकतांत्रिक और अनुशासित नागरिकों की चर्चा होती है, तो ‘मदर ऑफ डेमोक्रेसी’ होने का भारतीय गौरव अनेक गुना बढ़ जाता है। और जब, हमारे इन प्रवासी भारतीयों के योगदान का विश्व आकलन करता है, तो उसे ‘सशक्त और समर्थ भारत’ इसकी आवाज सुनाई देती है। इसलिए ही तो मैं आप सभी को, सभी प्रवासी भारतीयों को विदेशी धरती पर भारत का राष्ट्रदूत ब्रैंड एंबेसेडर कहता हूं। सरकारी व्यवस्था में राजदूत होते हैं। भारत की महान विरासत में आप राष्ट्रदूत होते हैं।
उन्होंने आगे कहा, आज भारत के पास न केवल दुनिया के नॉलेज सेंटर बनने का, बल्कि स्किल कैपिटल बनने का सामथ्र्य भी है। आज भारत के पास सक्षम युवाओं की एक बड़ी तादाद है। हमारे युवाओं के पास स्किल भी है, और काम करने के लिए जरूरी जज्बा और ईमानदारी भी है। भारत की ये स्किल कैपिटल दुनिया के विकास का इंजन बन सकती है। भारत में उपस्थित युवाओं के साथ ही भारत की प्राथमिकता वो प्रवासी युवा भी हैं जो भारत से जुड़े हैं।
बीते कुछ सालों में भारत की प्रगति की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, पिछले कुछ वर्षों में भारत ने विकास की जो गति प्राप्त की है, जो उपलब्धियां हासिल की हैं, वो असाधारण हैं, अभूतपूर्व हैं। जब भारत कोविड महामारी के बीच कुछ महीनों में ही स्वदेशी वैक्सीन बना लेता है, जब भारत अपने नागरिकों को 220 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज मुफ्त लगाने का रिकॉर्ड बनाता है, जब वैश्विक अस्थिरता के बीच भी भारत विश्व की उभरती अर्थव्यवस्था बनता है, जब भारत विश्व की बड़ी एकॉनोमी से कंपीट करता है, टॉप-पांच इकॉनॉमी में शामिल होता है, जब भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम बनता है, जब मोबाइल मैन्यूफैक्च रिंग जैसे क्षेत्रों में, इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्च रिंग के क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ का डंका बजता है, जब भारत अपने दम पर तेजस फाइटर प्लेन, एयरक्राफ्ट करियर प्छै विक्रांत और अरिहंत जैसी न्यूक्लियर सबमरीन बनाता है, तो स्वाभाविक है, दुनिया और दुनिया के लोगों में क्योरोसिटी होती है कि भारत क्या कर रहा है, कैसे कर रहा है।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, लोग जानना चाहते हैं कि भारत की स्पीड क्या है, स्केल क्या है, भारत का फ्यूचर क्या है। इसी तरह, जब केटलेस एकॉनोमी की बात होती है, फिनटेक की चर्चा होती है तो दुनिया ये देखकर हैरत में है कि विश्व के 40 परसेंट रियल टाइम डिजिटल टॉजेक्षन भारत में होते हैं। जब स्पेस के फ्यूचर की बात होती है, तो भारत की चर्चा स्पेस टैक्नालॉजी के मोस्ट एडवांस देशों में होती है। भारत, एक बार में सौ-सौ सैटेलाइट्स लॉन्च करने का रिकॉर्ड बना रहा है। सॉफ्टवेयर और डिजिटल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हमारी ताकत दुनिया देख रही है। आप में से बहुत से लोग भी इसका बहुत बड़ा जरिया हैं। भारत का ये बढ़ता हुआ सामथ्र्य, भारत का ये दम-खम, भारत की जड़ों से जुड़े हर व्यक्ति का सीना चौड़ा कर देता है।
भारत की बढ़ती ताकत का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, वैश्विक मंच पर आज भारत की आवाज, भारत का संदेश, भारत की कही बात एक अलग ही मायने रखती है। भारत की ये बढ़ती हुई ताकत आने वाले दिनों में और ज्यादा बढ़ने वाली है और इसलिए, भारत के प्रति जिज्ञासा, भारत के प्रति बनतपवेपजल भी और बढ़ेगी। इसलिए विदेश में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों की, प्रवासी भारतीयों की जिम्मेदारी भी बहुत बढ़ जाती है। आपके पास आज भारत के बारे में जितनी व्यापक जानकारी होगी, उतना ही आप दूसरों को भारत के बढ़ते सामथ्र्य के बारे में बता पाएंगे और तथ्यों के आधार पर बता पाएंगे। मेरा आग्रह है कि आपके पास कल्चरल और ेचपतपजनंस जानकारी के साथ-साथ भारत की प्रगति की अपडेटेड इनफार्मेशन होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत न केवल विश्व के ज्ञान का केंद्र है, बल्कि इसमें विश्व की दक्षता राजधानी बनने का सामथ्र्य है। भारत दुनिया के विकास का इंजन बन सकता है। प्रवासी भारतीय, मेक इन इंडिया, योग, आयुर्वेद, कुटीर उद्योग, हस्तशिल्प, मोटे अनाज को विश्व में प्रचारित करने में अपना अमूल्य योगदान दें।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस वर्ष भारत को जी-20 समूह की अध्यक्षता का गौरव प्राप्त हुआ है। ऐसे समय में प्रवासी भारतीयों की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। यह दुनिया को भारत के विषय में बताने का मौका है। अतिथि देवो भव की परंपरा को निभाते हुए इस अवसर को ऐतिहासिक बनाएं। जब प्रतिभागी अपने देश लौट के जाएं, तो वहाँ रहने वाले भारतीय उन्हें बुलाएं, उनके साथ संवाद करें।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा किप्रधानमंत्री मोदी ने सशक्त और संपन्न भारत के लिए निरंतर प्रयास किए हैं। प्रधानमंत्री ने आत्म-निर्भरता, स्वच्छता और मजबूत अर्थ-व्यवस्था के मंत्र दिए हैं। मध्यप्रदेश में उनके मंत्र को जमीन पर उतारा जा रहा है। उनके स्वच्छता के आह्वान को तो इंदौर ने ऐसा स्वीकारा है कि स्वच्छता के लिए एक-एक नागरिक ने झाड़ू उठा ली। इंदौर एक-दो बार नहीं, पूरे छह बार देश का सबसे साफ सुथरा शहर बना है।
सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी ने प्रवासी भारतीयों के लिए कैरेबियन देशों सहित अन्य देशों में हिंदी, योग, आयुर्वेद, अध्यात्म आदि पर प्रशिक्षण की व्यवस्था स्थापित करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और उनकी वसुधैव कुटुंबकम के अनुरूप संपूर्ण विश्व को एक परिवार मानने की ²ष्टि से उपकृत हैं।