G20: सफल आयोजन पर दुनिया में बजा भारत का डंका, पाकिस्तान के बदले सुर, आम जनता ने शहबाज सरकार को कोसा, PM मोदी की हुई जबरदस्त तारीफ़
नई दिल्ली/पुणे. जहां एक तरफ G-20 शिखर सम्मेलन की शानदार मेजबानी और नई दिल्ली लीडर्स डिक्लेरेशन (एनडीएलडी) को सर्वसम्मति के साथ स्वीकारे जाने के लिए भारत और PM मोदी के नेतृत्व की दुनियाभर में तारीफ हो रही है। वहीं इस आयोजन के सफल होने से ज्यादातर वैश्विक मीडिया घरानों ने वैश्विक दक्षिण की आवाज के रूप में भारत के बढ़ते दबदबे की तारीफ की है। देखा जाए तो दुनियाभर में G-20 सुर्खियों में रहा।
अब इस G-20 समिट की सफलता ने भारत के लिए पूरी दुनिया का दृष्टिकोण बदल दिया है। जो वेस्टर्न मीडिया कभी भारत के खिलाफ बयानबाजी कर रहा था, अब वो भी भारत की तारीफ करता हुआ नजर आ रहा है। अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने एक लेख में भारत की तारीफों के कसीदे पढ़ दिए हैं। उसने सवाल किया है कि क्या भारत ग्लोबल साउथ के लीडरशिप के लिए अब चीन को सीधेसिदेहे चैलेंज कर सकता है।
इसके साथ ही भारत में आयोजित हुआ G-20 शिखर सम्मेलन पाकिस्तानी मीडिया से लेकर आम लोगों के बीच चर्चा का मुख्य विषय बनने में कामयाब रहा। इसके साथ ही G-20 शिखर सम्मेलन की सफलतापूर्वक मेजबानी के लिए पाकिस्तान के लोगों ने भारत की जबरदस्त प्रशंसा की। इस सम्मेलन की सफलतापूर्वक मेजबानी के लिए भारत की प्रशंसा करते हुए पाकिस्तान में लोगों की ओर से कुछ प्रतिक्रियाएं आई।
इस बात एक स्थानीय पाकिस्तान निवासी ने कहा कि, “75 सालों से पाकिस्तान की विदेशी रणनीति में हम नाकाम हो रहे हैं। हमारे पड़ोसी देश में G-20 की बैठक हो रही है और पाकिस्तान के आवाम को पता तक नहीं है कि पड़ोस में क्या हो रहा है। इस G-20 की बैठक पाकिस्तान में होनी चाहिए थी मगर ये भारत में हुई। देखा जाए तो पाकिस्तान अर्थव्यवस्था और सुरक्षा के हवाले से बहुत पीछे चला गया है।”
वहीं एक अन्य स्थानीय निवासी ने कहा कि, “जब शीर्ष 20 देशों के प्रमुख देश का दौरा करते हैं तो यह देश के लिए सम्मान की बात होती है। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को कई लाभ मिलेगा।”अब बात अगर भारत के परिदृश्य की की जाए तो इस प्रतिष्ठित शिखर सम्मेलन की सफल मेजबानी और इसमें नई दिल्ली घोषणापत्र पर आम सहमति हासिल करने में कामयाब रहा है। वहीं इसे एक बड़ी कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है। देश की G20 की सफल अध्यक्षता और ग्लोबल साउथ के मुद्दों की वकालत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए अपना दावा भी अब मजबूत कर दिया है।