नई दिल्ली : भारत सरकार द्वारा सजा पूरी होने पर 22 पाकिस्तानी कैदियों को रिहा किया गया है. उन्हें सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों द्वारा अटारी-वाघा सीमा पर संयुक्त जांच चौकी पर पाकिस्तानी अधिकारियों को सौंपा गया है. अधिकारियों का कहना है कि इन सभी कैदियों को पाकिस्तानी उच्चायोग द्वारा जारी किए गए आपातकालीन यात्रा प्रमाणपत्र के आधार पर पाकिस्तान भेजा गया है।
अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि जब इन पाकिस्तानी नागरिकों की गिरफ्तारी की गई थी तब इनके पास यात्रा को लेकर कोई दस्तावेज नहीं पाया गया था. जिन 22 कैदियों को रिहा गया है उनमें से 9 मछुआरे गुजरात की कच्छ जेल तो 10 अमृतसर की केंद्रीय कारागार और तीन तीन अन्य जेलों में बंद थे. इन मछुआरों को भारतीय नौसेना ने गिरफ्तार किया था।
वहीं आपको बता दें कि बीते सप्ताह ही पाकिस्तान की तरफ से भी भारतीय मछुआरों को रिहा किया गया था. पाकिस्तान की मालिर जेल जेल में बंद 198 भारतीय मछुआरों को रिहा किया गया था. उन्हें अटारी-वाघा सीमा पर भारतीय अधिकारियों को सौंपा गया था. इस दौरान मलीर जेल अधीक्षक नजीर टुनियो की तरफ से कहा गया था कि उनकी तरफ से अभी भारतीय मछुआरों के पहले जत्थे को रिहा किया गया है. जून और जुलाई में बाकि के कैदियों को भी रिहा किया जाएगा. नजीर टुनियो की तरफ से बताया गया था कि इस बार 200 भारतीय मछुआरों को रिहा किया जाना था लेकिन 2 मछुआरों की बीमारी के कारण मौत हो गई. जबकि 200 और 100 मछुआरों को बाद में रिहा किया जाएगा.
जनवरी में भी भारत में सजा काट रहे 17 पाकिस्तानी नागरिकों को रिहा किया गया था. अटारी-वाघा सीमा के रास्ते उन्हें स्वदेश भेजा गया था. भारत की तरफ से एक जनवरी को देश की जेलों में बंद 339 पाकिस्तानी कैदियों और 95 पाकिस्तानी मछुआरों की सूची पाकिस्तान के साथ शेयर की गई थी.