नई दिल्ली: भारत ने ओडिशा तट के पास अब्दुल कलाम द्वीप से सतह से सतह पर मार करने वाली कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (SRBM) ‘प्रलय’ का मंगलवार (7 नवंबर) को सफल परीक्षण किया. एक रक्षा अधिकारी ने यह जानकारी दी. इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने विकसित किया है. अधिकारी ने बताया कि मिसाइल को सुबह करीब 9 बजकर 50 मिनट पर लॉन्च किया गया था और इसने अपने सभी मिशन उद्देश्यों को पूरा किया.
उन्होंने बताया कि समुद्र तट के पास कई उपकरणों से इसके लॉन्चिंग पर नजर रखी गई. अधिकारी ने कहा, “प्रलय 350 से 500 किलोमीटर की कम दूरी वाली सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है. यह 500 से 1,000 किलोग्राम का पेलोड साथ ले जाने में सक्षम है.”
उन्होंने कहा, डीआरडीओ ने इस मिसाइल को पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान के साथ अपनी सीमाओं पर देश की रक्षा आवश्यकताओं को ध्यान में रख विकसित किया गया है. प्रलय को वास्तविक नियंत्रण रेखा और नियंत्रण रेखा के पास तैनात किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि ‘प्रलय’ मिसाइल की तुलना चीन के ‘डोंग फेंग 12’ और रूस के ‘इस्केंडर’ से की गई है. गौरतलब है कि रूस ने इस्केंडर का इस्तेमाल यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध में किया गया था. इसके अलावा यह पाकिस्तान की रक्षा प्रणाली में मौजूद सामरिक बैलिस्टिक मिसाइलों का भी मुकाबला कर सकती है.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक भारतीय रक्षा बलों ने लद्दाख में चीनी और भारतीय सेना के बीच हुई झड़प के बाद मिसाइस का प्रस्ताव पेश किया था. इससे पहले मिसाइल का 2021 में लगातार दो दिनों में दो बार सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था और तब से सेनाएं इसके अधिग्रहण और शामिल करने की दिशा में काम कर रही थीं.