नई दिल्ली: ओलंपिक की मेजबानी का ख्वाब देख रहा भारत इस जिम्मेदारी को उठाने से पहले यूथ ओलंपिक की जिम्मेदारी लेना चाहता है। 2036 के ओलंपिक की मेजबानी के सपने को सच करने के लिए भारत इससे पहले 2030 के यूथ ओलंपिक की मेजबानी की जिम्मेदारी लेने जा रहा है।
इस बात का खुलासा खुद खेल मंत्री ने किया है। खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने एशियाई ओलंपिक परिषद (ओसीए) की महासभा में यह घोषणा की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत 2030 के यूथ ओलंपिक की मेजबानी हासिल करने के लिए बोली लगाएगा।
बोली के लिए इनसे होगा मुकाबला
खेल मंत्री इस महासभा के मुख्य अतिथि के रुप में मौजूद थे। महासभा के मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, यूथ ओलंपिक की मेजबानी करेगा, जहां इसके लिए भारत पेरू, कोलंबिया, मेक्सिको, थाईलैंड, मंगोलिया, रूस, यूक्रेन, बोस्निया व हर्जेगोविना के साथ संघर्ष करेगा और बोली के लिए उतरेगा।
डॉ मनसुख मांडविया ने रणधीर सिंह को दी बधाई
भारत के खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में 44वें ओलंपिक कौंसिल ऑफ़ एशिया की महासभा में राजा रणधीर सिंह जी को ओसीए के नए अध्यक्ष बनाए जाने पर शुभकामनाएं दी।
उषा ने योग की सिफारिश की
इस महासभा में योगासन को जापान के आइची-नागोया में होने वाले योगासन को बतौर प्रदर्शनी खेल शामिल किया गया। भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा ने योग को एशियाई खेलों में शामिल करने की सिफारिश की थी। इसके बाद इसे महासभा में 45 सदस्य देशों के बीच रखा गया। अगर योगासन का प्रभाव सही दिखाई देता है तो इस आगे भी अन्य खेलों में देखा ता सकता है।
योगासन छोड़ेगा प्रभाव
नवनिर्वाचित अध्यक्ष रणधीर सिंह ने कहा, योग को नागोया में प्रभाव छोड़ना होगा, जिससे उसके 2030 के एशियाड में पदक खेलों के रूप में शामिल होने का रास्ता साफ हो सके। योग को लोकप्रिय बनाने के लिए प्रशिक्षकों को दूसरे देशों में भेजना पड़ेगा।