नई दिल्ली : भारत शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ)शिखर सम्मेलन की मेजबानी (SCO Summit India 2023) वर्चुअली करने जा रहा है। हालांकि, शिखर सम्मेलन को वर्चुअल (Virtual) मोड में आयोजित करने के कारणों के बारे में नहीं बताया गया। पिछले साल एससीओ समिट उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) के समरकंद में हुआ था. जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Chinese President Xi Jinping), रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन समेत समूह के सभी शीर्ष नेताओं ने व्यक्तिगत रूप से भाग लिया था।
भारत (India) ने पिछले साल 16 सितंबर को समरकंद शिखर सम्मेलन में एससीओ की अध्यक्षता ग्रहण की थी. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत की पहली अध्यक्षता के तहत एससीओ परिषद के राष्ट्राध्यक्षों का 22वां शिखर सम्मेलन 4 जुलाई को वर्चुअल मोड में आयोजित किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। भारत ने इस महीने की शुरुआत में गोवा में दो दिवसीय सम्मेलन में एससीओ के विदेश मंत्रियों की मेजबानी की थी।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि एससीओ के सभी सदस्य देशों- चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान, को शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है। इसके अलावा ईरान, बेलारूस और मंगोलिया को पर्यवेक्षक देशों के रूप में आमंत्रित किया गया है. एससीओ परंपरा के अनुसार, तुर्कमेनिस्तान को भी अध्यक्ष के अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि शिखर सम्मेलन में छह अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगठनों के प्रमुखों को भी आमंत्रित किया गया है. ये संगठन हैं- संयुक्त राष्ट्र, आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ), सीआईएस (स्वतंत्र राज्यों का राष्ट्रमंडल), सीएसटीओ, ईएईयू (यूरेशियन आर्थिक संघ) और सीआईसीए।
शिखर सम्मेलन की थीम ‘एक सिक्योर (SECURE) एससीओ की ओर’ है. जिसका मतलब सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और व्यापार, कनेक्टिविटी, एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान और पर्यावरण से है. एससीओ की स्थापना 2001 में रूस, चीन, किर्गिज रिपब्लिक, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों की ओर से शंघाई में एक शिखर सम्मेलन में की गई थी।