चीन को झटका देगा भारत, विदेशी टेलीकॉम कंपोनेंट पर टैक्स लगाएगी सरकार

0 118

नई दिल्ली: देश की केंद्र सरकार ने टेलीकॉम इंडस्ट्री को मजबूत बनाने और ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के लिए नया प्लान बना लिया है. जानकारी के अनुसार भारत से इंपोर्ट को कम करने और डॉमेस्टिक सप्लाई चेन बनाने के लिए टेलीकॉम कंपोनेंट पर फेजवाइज कस्टम ड्यूटी लगाने की योजना बना रहा है. टेलीकॉम डिपार्टमेंट पैकेजिंग आइटम्स, एंटीना, वाईफाई स्विच, प्लास्टिक/मेटल हाउसिंग आइटम्स, वायर्स/केबल्स पर जनवरी से 10 फीसदी कस्टम ड्यूटी लगाने और अगले साल अक्टूबर तक इसे 15 फीसदी तक बढ़ाने के प्रस्ताव पर काम कर रहा है. इस कदम से चीन और उन देशों को झटका लगेगा जो भारत को टेलीकॉम कंपोनेंट काफी ज्यादा एक्सपोर्ट करते हैं.

मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों के अनुसार टेलीकॉम कंपोनेंट में यूएसबी पोर्ट/कनेक्टर, पावर एडॉप्टर और अन्य इलेक्ट्रिकल/मैकेनिकल आइटम भी शामिल हैं. अधिकारियों ने कहा कि लोकल प्रोडक्शन को बढ़ावा देने और वैल्यू एडिशन को बढ़ाने के लिए सरकार के फेज्ड मैन्सुफैक्चरिंग प्रोग्राम के तहत इन पार्ट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी और उसे लागू करने की टाइमलाइन पर विचार किया जा रहा है. फेज्ड मैन्सुफैक्चरिंग प्रोग्राम का लक्ष्य शुरू में लो वैल्यू कंपोनेंट और बाद में हाई वैल्यू कंपोनेंट के लोकल प्रोडक्शन को प्रोत्साहित कर भारत की टेलीकॉम गियर मैन्युफैक्चरिंग को और ज्यादा गहराई देना है. इसमें ऐसी असेसिरीज/कंपोनेंट के इंपोर्ट पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को बढ़ाकर टारगेट को हासिल करने का प्लान है.

इससे पहले मीडिया रिपोर्ट में खबर थी कि टेलीकॉम डिपार्टमेंट लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और इंपोर्ट को खत्म करने या कम करने के लिए फाइबर-बेस्ड होम ब्रॉडबैंड नेटवर्क में यूज होने वाले सभी टेलीकॉम प्रोडक्ट्स को इंपोर्ट लाइसेंसिंग सिस्टम के तहत लाने पर विचार कर रहा है. हाल ही में सरकार ने आईटी हार्डवेयर के इंपोर्ट पर इसी व्यवस्था को लागू किया था. अधिकारियों के अनुसार अगर प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है, तो विदेश व्यापार महानिदेशालय यानी डीजीएफटी इंपोर्ट लाइसेंसिंग व्यवस्था लागू करेगा, जो टेलीकॉम कंपनियों को रेलेवेंट परमिट लेने और ऐसे नेटवर्क गियर के इंपोर्ट के लिए सरकार से पहले मंजूरी लेनी होगी.

टेलीकॉम इंडस्ट्री देश में इंस्टैंट लोकल इकोसिस्टम की कमी का हवाला देते हुए इंपोर्टिड कंपोनेंट पर कस्टम ड्यूटी की नई योजना का विरोध कर रहा है, जो सप्लाई चेन चुनौतियों का सामना कर सकता है. इंडस्ट्री के सीनियर अधिकारी के अनुसार टेलीकॉम कंपोनेंट/पार्ट के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम ना होने की स्थिति में पीएमपी के तहत इन वस्तुओं पर फेजवाइज कस्टम ड्यूटी लगाने से तैयार प्रोडक्ट्स की कॉस्टिंग में इजाफा हो जाएगा. रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन जैसे कैरियर्स के लिए नेटवर्क डिप्लॉयमेंट कॉस्ट में इजाफा हो जाएगा.

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.