इंडियन नेवी समुद्र में तैनात करेगी 200 ब्रह्मोस मिसाइल, बढ़ेगी चीन की टेंशन

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नई दिल्ली: समुद्र में ताकत बढ़ाने के लिए भारतीय नौसेना जल्द ही 200 से ज्यादा ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल खरीदने जा रही है। नौसेना इसके लिए 20 हजार करोड़ रुपये की डील पर साइन करेगी। रक्षा मंत्रालय में यह प्रक्रिया लगभग शुरुआती चरण में चल रही है। जल्द ही इस मामले में डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल के साथ भी बैठक होगी। बता दें कि ब्रह्मोस मिसाइल मुख्य हथियार है जो कि समुद्र में दुश्मन के जहाजों पर हमला करने कमें काम आती है।

सूत्रों के मुताबिक स्वदेशी कंटेंटे वाली मिसाइलें युद्धपोतों पर तैनात की जाएंगी। हाल ही में कोलकाता क्लास के युद्धपोत से ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल का टेस्ट किया गया था। इसके लिए अपग्रेडेड मॉड्युर लॉन्चर का इस्तेमाल किया गया था। बता दें कि ब्रह्मोस एयरोस्पेस भारत और रूस की साझेदारी वाली कंपनी है। भारतीय नौसेना आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रही है। भारतीय नौसेना जहाजों पर स्वदेशी सीकर लगाएगी जो कि मिसाइल को दिशा बताने का काम करता है। इसे डीआरडीओ ने तैयार किया है।

ब्रह्मोस में स्वदेशी

ब्रह्मोस एयरोस्पेस मिसाइल के अलावा सबमरीन, शिप, एयरक्राफ्ट और लैंड प्लेटफॉर्म भी बनाता है। नौसैन ने 200 ब्रह्मोस का प्रस्ताव दिया है। वहीं बता दें कि मिसाइल कि स्ट्राइक रेट भी बढ़ा दी गई है। पहले यह 290 किलोमीटर तक वार करती थी लेकिन अब इसकी क्षमता बढ़ाकर 400 किलोमीटर कर दी गई है। इसके अलावा इसमें अपग्रेडेशन किया गया है। इसमें भारतीय उपकरणों को बढ़ाया गया है।

क्यों खास है ब्रह्मोस
फिलीपीन्स जैसे देशों को यह मिसाइल एक्सपोर्ट भी की जाती है। बता दें कि भारत के डीआरडीओ और रूस के फेडरल स्टेट यूनिटरी एंटरप्राइज के समझौते के साथ ये मिसाइलें बनाई जाती हैं। ब्रह्मोस मिसाइल को जहाज, पनडुब्बी, एयरक्राफ्ट और धरती से लॉन्च किया जा सकता है। यह दुनिया की सबसे तेज एंटी शिप क्रूज मिसाइल है। पानी के अंदर 40 मीटर की गहराई से भी इसे दागा जा सकता है।

 

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