वाशिंगटन : मेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारतीय मूल के डॉक्टर को विश्व स्वास्थ्य संगठन के बोर्ड में शामिल करने का फैसला लिया है. बाइडेन ने सीनेट में सर्जन जनरल डॉ. विवेक मूर्ति को डब्ल्यूएचओ के बोर्ड में अमेरिका का प्रतिनिधि बनाने का फैसला लिया है।
बाइडेन ने इसे लेकर अमेरिकी संसद सीनेट में ये प्रस्ताव भेजा है. ये दूसरी बार है जब डॉ. विवेक मूर्ति का नाम डब्ल्यूएचओ के एग्जीक्यूटिव बोर्ड में शामिल करने का प्रस्ताव लाया गया है। 46 साल के डॉ. विवेक मूर्ति का नाम दोबारा भेजा गया है. डब्ल्यूएचओ के एग्जीक्यूटिव बोर्ड में डॉ. मूर्ति के शामिल होने का प्रस्ताव अक्टूबर 2022 से ही पेंडिंग है।
मार्च 2021 में अमेरिका के 21वें सर्जन जनरल के रूप में डॉ. विवेक मूर्ति के नाम को मंजूरी दी गई थी. इससे पहले वो बराक ओबामा के राष्ट्रपति रहते हुए 19वें सर्जन जनरल भी रह चुके हैं. व्हाइट हाउस के मुताबिक, डॉ. मूर्ति अमेरिका के पहले भारतीय मूल के सर्जन जनरल हैं. सर्जन जनरल को देश का टॉप डॉक्टर माना जाता है. सर्जन जनरल की जिम्मेदारी देश के लिए सबसे अच्छी हेल्थ पॉलिसी तैयार करना है।
व्हाइट हाउस ने बताया कि राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सीनेट को हाल ही में प्रस्ताव भेजा है, जिसमें डॉ. विवेक मूर्ति के नाम का जिक्र है। सर्जन जनरल होने के साथ-साथ डॉ. मूर्ति यूएस पब्लिक हेल्थ सर्विस कमिशन्ड कॉर्प्स के वाइस एडमिरल भी हैं. इसमें छह हजार से ज्यादा स्वास्थ्य अधिकारी हैं, जो डॉ. मूर्ति की अगुवाई में काम करते हैं।
डॉ. मूर्ति मूल रूप से कर्नाटक के हैं. उनके पूर्वज इंग्लैंड जाकर बस गए थे. डॉ. मूर्ति का जन्म यॉर्कशायर के हडर्सफील्ड में हुआ था. उसके बाद उनका परिवार यहां से कनाडा के न्यूफाउंडलैंड में आकर बस गया।
डॉ. मूर्ति जब तीन साल के थे, तब उनका परिवार अमेरिका के मियामी में आकर बस गया था. मियामी में पढ़ाई करने के बाद उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया. इसके बाद येल स्कूल ऑफ मेडिसिन और येल स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से आगे की डिग्री हासिल की। डॉ. मूर्ति जाने-माने फिजिशियन, रिसर्च साइंटिस्ट, एंटरप्रेन्योर हैं. वो अपनी पत्नी डॉ. एलिस चेन और दो बच्चों के साथ वॉशिंगटन में रहते हैं।