नई दिल्ली: भारत का सिक्का अब दुनिया में चलेगा क्योंकि अब दुनिया के कई देश भारत के साथ रुपए में ट्रेड करने को तैयार हैं. इसका जबरदस्त फायदा जहां इंडियन करेंसी को होगा, वहीं दूसरा फायदा भारत को रुपए और डॉलर के एक्सचेंज बिजनेस में होगा. रुपए में बिजनेस होने से भारत के ट्रेड की लागत भी कम होने की उम्मीद है.
दरअसल अभी भारत को जब दूसरे देशों के साथ व्यापार करना होता है, तो इसके लिए उसे डॉलर में पेमेंट करना होता है. डॉलर में पेमेंट करने के लिए करेंसी एक्सचेंज मार्केट पर डिपेंड करना होता है, जिससे कई बार डॉलर की मजबूती का असर हमारे ट्रेड की लागत पर पड़ता है. रुपए में ट्रेड होने से ये बाधा दूर हो जाएगी, क्योंकि पेमेंट बैलेंस उस देश और भारत की मुद्रा के बीच ही सेटलमेंट हो जाएगा.
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को जानकारी दी कि अब दुनिया के कई देश भारत के साथ रुपए में व्यापार करने के इच्छुक हैं. इसमें बांग्लादेश, श्रीलंका और खाड़ी क्षेत्र के कई देशा शामिल हैं. इतना ही नहीं कई अन्य विकसित और विकासशील देश भी भारत के साथ रुपए में व्यापार करने की इच्छा रखते हैं.
पीयूष गोयल का कहना है कि रुपए में कारोबार होने से भारत के इंटरनेशनल ट्रेड में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है. उन्होंने कहा, ” बांग्लादेश, श्रीलंका पहले ही हमसे बात कर रहे हैं और वे चाहते हैं कि हम इसे तुरंत शुरू करें. खाड़ी क्षेत्र के दूसरे देश भी इस पर विचार कर रहे हैं. मुझे लगता है कि समय के साथ लोगों को इसका फायदा पता चलेगा. विकसित देश और फार ईस्ट के देश भी इसमें शामिल हो रहे हैं. सिंगापुर पहले ही कुछ हद तक इसमें शामिल है.”
पीयूष गोयल ने कहा कि स्थानीय मुद्रा में व्यापार करने के फायदे अब लोगों को समझ आ रहे हैं. इसलिए कई देश अब अपनी स्थानीय मुद्रा और रुपए के बीच सीधा लेनदेन शुरू करना चाहते हैं . देशों को ये बात समझ आ रही है कि सभी लेनदेन को तीसरी मुद्रा (डॉलर) में बदलने से उसकी लागत में काफी बढ़ोतरी होती है.
भारत ने रुपए में व्यापार करने की शुरुआत संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से की थी. अब इसमें तेजी आ रही है. कई देश हैं, जो हमसे स्थानीय मुद्रा और रुपए में सीधा लेन-देन शुरू करना चाहते हैं.