नई दिल्ली: समंदर का सिकंदर बनने को आइएनएस अरिहंत का यार आईएनएस अरिघात सबमरीन तैयार है. इससे समंदर में भारतीय नौसेना की की ताकत और भी बढ़ेगी. यह सबमरीन K-15 मिसाइल से लैस है, जो कि बहुत ही घातक बैलेस्टिक मिसाइल है. यह मिसाइल दुश्मनों के लिए काल है. इसे रक्षा अनुसंधान एजेंसी, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन की मदद से बनाया गया है.
K-15 मिसाइल, जिसे सागरिका मिसाइल भी कहा जाता है. इसे भारत द्वारा विकसित किया गया था. यह एक पनडुब्बी से प्रक्षेपित बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM) है. इसे भारत की प्रमुख रक्षा अनुसंधान एजेंसी, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के अलावा अन्य भारतीय संगठनों और उद्योगों के सहयोग से डिजाइन और विकसित किया गया है.
मालूम हो कि K-15 मिसाइल का विकास भारत के स्वदेशी मिसाइल विकास कार्यक्रम के तहत किया गया है. इसके विकास का कार्यक्रम 1990 के दशक में शुरू हुआ था. 2007 में पहली बार इसकी सफल फायरिंग टेस्टिंग हुई थी. यह भारतीय नौसेना की परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियों को ताकत देता है.
K-15 मिसाइल की विशेषताएं-
K-15 मिसाइल की रेंज 750 किलोमीटर (466 मील) है.
यह एक पनडुब्बी से प्रक्षेपित बैलिस्टिक मिसाइल मिसाइल है.
यह मिसाइल एक उच्च विस्फोटक या परमाणु वारहेड ले जाने में सक्षम है.
इसे जीपीएस या फिर भारत की नेविगेशन सिस्टम NavIC से गाइड कर, दुश्मनों के लोकेशन की टारगेट दी जाती है.
K-15 मिसाइल को लॉन्च पैड से बाहर निकलने और पानी की सतह से ऊपर उठने के लिए एक गैस बूस्टर दिया गया है. इसके बाद एक ठोस रॉकेट मोटर को फायर किया जाता है, जिससे यह उड़ान भरती है.
K-15 मिसाइल की सटीक लंबाई को पब्लिक नहीं किया गया है. लेकिन, यह K मिसाइल परिवार का हिस्सा है, K-4 मिसाइल की लंबाई 10 मीटर है, तो इसके आधार पर इसकी लंबाई का अनुमान लगाया जा सकता है.
K-15 मिसाइल का वजन 6.6 और 7.7 टन के बीच है.