नई दिल्ली : भारत के सबसे बुजुर्ग अरबपति महिंद्रा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन केशुब महिंद्रा का 99 साल की उम्र में देहांत हो गया हाल में फोर्ब्स ने भारत के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट जारी की थी, जिसमें देश के सबसे बुजुर्ग अरबपति केशुब महिंद्रा बने थे। केशुब महिंद्रा 16.4 बिलियन डॉलर रेवेन्यू वाले महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप के सेवामुक्त चेयरमैन थे।
केशुब महिंद्रा ने 1947 में अपने पिता की कंपनी में काम शुरू किया था और 1963 में वो महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन बने थे। 2012 में केशुब चेयरमैन के पद से सेवामुक्त हो गए और अपने भतीजे आनंद महिंद्रा को ये पद सौंप दिया। केशुब महिंद्रा ने अपने लंबे कार्यकाल में महिंद्रा ग्रुप को सफलता का पहाड़ चढ़ाया। उन्होंने जब बिजनेस में हिस्सा लिया तक कंपनी विलीज जीप भारत में असेंबल किया करती थी और आज महिंद्रा का कारोबार आपको हर जगह दिखेगा।
महिंद्रा एंड महिंद्रा आज की तारीख में अपने ट्रैक्टर्स और एसयूवी के लिए भारत के साथ पूरी दुनिया में मशहूर हो चुकी है। इसके अलावा सॉफ्टवेयर सर्विस, हॉस्पिटेलिटी और रियल एस्टेट में भी महिंद्रा का लंबा-चौड़ा काम है। महिंद्रा ग्रुप के साथ काम शुरू करते समय ही केशुब ने शायद इस मुकाम को हासिल करने की सोच रखी थी। उन्होंने भारतीय ग्राहकों के लिए वही चीजें पेश की जो उनके लिए बहुत कारगर हैं, चाहे वो बोलेरो एसयूवी हो या ट्रैक्टर्स।
भारत के सबसे बुजुर्ग अरबपति बने केशुब महिंद्रा का जन्म 9 अक्टूबर 1923 को शिमला में हुआ था । केशुब सिर्फ महिंद्रा ग्रुप के साथ ही काम करते नहीं रहे। उन्होंने सरकार द्वारा बनाई गई कई कमेटियों में भागीदारी रखी, वहीं सेल, टाटा स्टील, टाटा केमिकल जैसे कई बोर्ड्स और काउंसिल के साथ काम किया था। केशुब महिंद्रा हाउसिंग एंड अर्बन डेवपलमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के फाउंडर चेयरमैन भी रहे। इसके अलावा अपने पूरे प्रोफेशनल करियर में इन्होंने कई ऐसे काम किए, जो अन्य लोगों के लिए कर पाना संभव नहीं है।