नई दिल्ली : चीन समेत दुनियाभर के कई देशों में इन दिनों तबाही मचाने वाले कोरोना के वेरिएंट बीएफ.7 को लेकर भारत सतर्क है। इस तरह की चुनौती से निपटने के लिए पहले से ही पर्याप्त इंतजाम किए जा रहे हैं और इस वायरस के बारे में अध्ययन भी किया जा रहा है। सरकार के सूत्रों का कहना है कि इस वेरिएंट के सैंपल के बारे में अध्ययन हो रहा है कि भारत में मौजूद वैक्सीन उनपर कारगर हैं या नहीं। द टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिक इस वेरिएंट की क्षमता और मौजूदा वैक्सीन में लड़ने की ताकत को लेकर जानकारी जुटा रहे हैं। पता लगाने की कोशिश हो रही है कि इस वेरिएंट के कितने गंभीर परिणाम हो सकते हैं और उनको रोकने के लिए क्या किया जा सकता है। बता दें कि भारत में अब तक इस वेरिएंट के चार मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से तीन गुजरात में पाए गए थे और एक केस ओडिशा में मिला था।
सभी चार मरीजों में या तो लक्षण थे ही नहीं या फिर गंभीर लक्षण नहीं दिखाई दिए। जानकारी के मुताबिक चारों ही मरीज अब पूरी तरह से ठीक हो गए हैं। पहला केस अहमदाबाद में जुलाई में आया था जो कि एक 60 साल के शख्स थे। वह कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। बाद में उनका सैंपल जांचा गया तो पाया गया कि उनमें बीएफ.7 वेरिएंट मौजूद था। उन्हें खांसी आती थी और हल्का बुखार रहता था।
दूसरा केस भी अहबादाबाद में ही था। सोला इलाके में एक 57 साल के शख्स को कोरोना हुआ था। अहमदाबाद नगर निगम के अधिकारियों ने बताया था कि वह शख्स अब ठीक हो गया है और ऑस्ट्रेलिया में काम करता है। उनके आसपास रहने वाले किसी भी शख्स को संक्रमण नहीं हुआ था। इसके अलावा वडोदरा में एक शख्स को कोरोना हुआ था। उन्हें सूखी खांसी आती थी और हल्का बुखार रहता था। वह 11 सितंबर को अमेरिका से भारत आए थे और 18 सितंबर को कोविड पॉजिटिव पाए गए।
ओडिशा की बात करें तो यहां भी एक 57 साल का शख्स कोरोना पॉजिटिव पाया गया था जो कि अमेरिका से लौटा था। उनमें कोई लक्षण भी नहीं था। जानकारों को का कहना है कि चीन, जापान, इटली, साउथ कोरिया जैसे देशों में इन दिनों कोरोना के बढ़े मामलों के पीछे बीएफ.7 वेरिएंट है। आईसीएमआर के डॉ. एनके मेहरा के मुताबिक बीएफ.7 में संक्रमण की क्षमता 10 गुना होती है यानी एक संक्रमित व्यक्ति 10 अन्य लोगों को भी संक्रमित कर सकता है।