नई दिल्ली: केन्द्र सरकार शुरुआती दिनों से ही कोरोना से लड़ने के लिए तमाम जरूरी कदम उठा रही है। देश में कोरोना के खात्मे के लिए सरकार पहले ही विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम चला रही है जिसमें स्वदेशी रूप से बनी वैक्सीन को ही अहमियत दी गई है। भारत जैसे विशाल देश में टीकाकरण की आवश्यकताओं को देखते हुए एक के बाद एक स्वदेशी वैक्सीन को केंद्र सरकार ने मंजूरी दी है। इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए और टीकाकरण अभियान को और गति देने के लिए स्वदेशी कॉर्बेवैक्स वैक्सीन के बूस्टर डोज को केन्द्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। कार्बोवैक्स वैक्सीन शुक्रवार से टीकाकरण केंद्रों पर उपलब्ध होगा। कोविन एप्प पर सरकारी व निजी टीकाकरण केंद्रों की जानकारी उपलब्ध है। देश की नामी फार्मा कंपनी बायोलॉजिकल ई लिमिटेड ने बताया कि टीके की 10 करोड़ खुराकों की आपूर्ति केंद्र सरकार को कर दी गई है।
कार्बोवैक्स को भारत के पहले विषम लैंगिक कोरोना बूस्टर शॉट के रूप में 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को लगाने की मंजूरी मिल गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य कार्बोवैक्स के आपातकालीन उपयोग को भी मंजूरी दे दी है। निजी केंद्रों पर एक खुराक कार्बोवैक्स वैक्सीन की कीमत 250 रूपए है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने भी ट्वीट करके कहा कि जो लोग 18 साल या उससे ऊपर के हैं और उन्होंने कोवैक्सीन या फिर कोविशील्ड दोनों में से कोई भी वैक्सीन की दूसरी डोज ली हो। उसके 6 महीने या 26 सप्ताह पूरे होने पर उन्हें कॉर्बेवैक्स की एहतियाती डोज दी जा सकती है। केन्द्र सरकार के इस फैसले से टीकाकरण कार्यक्रम को और गति मिलेगी। इसकी शुरुआत 12 अगस्त को की जा रही है।
पहला टीका जो बतौर एहतियाती खुराक दिया जाएगा
कॉर्बेवैक्स देश का पहला टीका है जो पहली और दूसरी खुराक के तौर पर दिए गए टीके से अलग बतौर एहतियाती खुराक दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि भारत के पहले स्वदेशी आरबीडी प्रोटीन सबयूनिट टीका कॉर्बेवैक्स का इस्तेमाल मौजूदा समय में कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम के तहत 12 से 14 वर्ष आयु के बच्चों को लगाने के लिए किया जा रहा है। भारत के औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) ने चार जून को तीसरी खुराक के तौर पर कॉर्बेवैक्स को 18 या इससे अधिक आयु के लोगों को लगाने की अनुमति दी थी।