अमेरिका को दरकिनार कर इंडोनेशिया खरीदने जा रहा रूस से सुखोई Su-35 लड़ाकू विमान

0 97

जकार्ता: रूस में इंडोनेशियाई राजदूत जोस तवारेस ने पिछले हफ्ते पुष्टि की कि उनका देश सुखोई Su-35 लड़ाकू विमान खरीदने वाले समझौते से पीछे नहीं हटा है। रूस और इंडोनेशिया ने 11 सुखोई एसयू-35 लड़ाकू विमान की खरीद के लिए 1.14 बिलियन डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। हालांकि, 2019 में ऐसी अपुष्ट खबरें आई थी कि इंडोनेशिया अमेरिकी प्रतिबंधों के डर से इस समझौते से पीछे हट गया है। अब इंडोनेशियाई राजदूत ने कहा है कि जकार्ता अनुबंध के कार्यान्वयन पर लौटने से पहले स्थिति के “अधिक अनुकूल” होने की प्रतीक्षा कर रहा था। उन्होंने कहा कि इसे “कुछ संभावित असुविधाओं से बचने के लिए रोक दिया गया था।”

ऐसे में माना जा रहा है कि इंडोनेशियाई राजदूत का इशारा अमेरिकी प्रतिबंधों की तरफ था। रूसी लड़ाकू विमानों की एक नई पीढ़ी के अधिग्रहण से इंडोनेशियाई वायु सेना के लिए पूरी तरह से नाटो-संगत लड़ाकू बेड़े को संचालित करने की पश्चिमी दुनिया में व्यापक रूप से व्यक्त की गई उम्मीदें खत्म हो जाएंगी। जकार्ता के भविष्य के भू-राजनीतिक रणनीति के संबंध में बढ़ती अनिश्चितता के बीच इस सौदे के संभावित रूप से महत्वपूर्ण रणनीतिक निहितार्थ हैं।

इंडोनेशिया ने रूसी लड़ाकू विमानों के लिए अपना पहला ऑर्डर 1997 में दिया था और उम्मीद की जा रही थी कि वह Su-35 के पूर्ववर्ती Su-27 और Su-30 के लिए एक प्रमुख ग्राहक बन जाएगा। हालांकि, एशियाई वित्तीय संकट ने इंडोनेशिया को कम संख्या में लड़ाकू विमानों की खरीद करने को मजबूर किया। इंडोनेशिया ने 2003-2010 के दौरान 10 Su-27 और Su-30 का एक छोटा बेड़ा हासिल किया, इसके बाद 2013 में छह Su-30MK2 का अधिग्रहण किया। इसके बाद इंडोनेशिया ने फरवरी 2018 में रूस के साथ 11 Su-35 के लिए एक ऑर्डर को अंतिम रूप दिया।

तब इंडोनेशियाई रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि वह पहले से ही Su-27 और Su-30 को ऑपरेट करता है। ऐसे में एसयू-35 उसके लिए एक बेहतर विकल्प होगा। हालांकि, उस समय इंडोनेशिया के सामने यूरोफाइटर, राफेल, F-16 और ग्रिपेन जैसे विकल्प मौजूद थे। एसयू-35 के पक्ष में जाने का एक प्रमुख कारण इसकी विशाल रेंज भी था। यह विमान प्रतिस्पर्धी विमानों की तुलना में दोगुना से भी अधिक इंडोनेशिया के विशाल द्वीपसमूह में गश्त लगा सकता है। और शायद सबसे महत्वपूर्ण बात, पश्चिमी आपूर्तिकर्ताओं पर अत्यधिक निर्भरता से बचने की आवश्यकता थी।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.