नई दिल्ली : केन्द्र सरकार ने संस्थागत श्रेणी में ओडिशा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और लुंगलेई फायर स्टेशन मिजोरम सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार-2023 के लिए चुना है। बता दें कि गृह मंत्रालय द्वारा इस पुरस्कार की घोषणा हर साल 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर की जाती है।
भारत सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भारत में व्यक्तियों और संगठनों द्वारा दिए गए अमूल्य योगदान और निस्वार्थ सेवा को पहचानने और सम्मानित करने के लिए सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार के रूप में जाना जाने वाला एक वार्षिक पुरस्कार शुरू किया है। इसके तहत संस्थागत श्रेणी में ओडिशा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और लुंगलेई फायर स्टेशन मिजोरम को ये पुरस्कार दिया जाएगा।
गृह मंत्रालय ने बताया कि इस पुरस्कार में संस्था के मामले में 51 लाख रुपये नकद और एक प्रमाण पत्र दिया जाता है। वहीं एक व्यक्ति के मामले में एक प्रमाण पत्र और 5 लाख रुपए दिए जाते हैं। मंत्रालय ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में देश ने आपदा प्रबंधन प्रथाओं, तैयारी, शमन और प्रतिक्रिया तंत्र में काफी सुधार किया है, जिसके परिणामस्वरूप प्राकृतिक आपदाओं के दौरान हताहतों की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है।
ओडिशा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को ये पुरस्कार उनके डायनेमिक रिस्क नॉलेज के आधार पर आपदा जोखिम सूचना का आकलन, ट्रैकिंग और अलर्ट करना और विभिन्न चक्रवातों जैसे हुदहुद (2014), फानी (2019), अम्फान (2020) और ओडिशा बाढ़ (2020) के दौरान प्रभावी प्रतिक्रिया प्रदान करने के लिए दिया जा रहा है। वहीं लुंगलेई फायर स्टेशन मिजोरम ने बड़े पैमाने पर जंगल की आग पर कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया दी। इसके लिए इसे चुना गया है।
जानकारी के मुताबिक वर्ष-2023 के पुरस्कार के लिए 1 जुलाई, 2022 से नामांकन आमंत्रित किए गए थे। वहीं पुरस्कार योजना का प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया। इसमें संस्थानों और व्यक्तियों से 274 वैध नामांकन प्राप्त हुए थे।