नई दिल्ली: दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के बीच केंद्र सरकार की वायु गणवत्ता समिति ने शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के सरकारी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप)के चरण तीन के तहत पाबंदियों को तुरंत लागू करें। इन पाबंदियों में निर्माण और विध्वंस करने से संबंधित गतिविधियों पर रोक लगेगी, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा, रेलवे और मेट्रो समेत अन्य आवश्यक परियोजनाओं को इससे छूट होगी।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने कहा कि अधिकारी वायु गुणवत्ता के खराब होने के मद्देनजर एनसीआर में बीएस-तीन पेट्रोल और बीएस-चार डीजल वाले चार चक्का वाहनों पर रोक लगा सकते हैं।
दिल्ली में 24 घंटों का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक अपराह्न चार बजे 397 था जो जनवरी के बाद से सबसे खराब स्तर है। इसके पहले दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक सोमवार को 312, मंगलवार को 302, बुधवार को 271 और बृहस्पतिवार को 354 था। राजधानी और इसके आसपास के इलाके में हालात की गंभीरता के मद्देनजर ग्रेप प्रदूषण निरोधक कदम उठाने के लिए तैयार है।
दिल्ली-दिल्ली एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) को चार श्रेणियों में विभाजित किया गया है। शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 को ‘मध्यम’, 201 से 300 को ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ तथा 401 से 500 के बीच एक्यूआई को ‘गंभीर’ माना जाता है।
स्वच्छ ऊर्जा से नहीं चलने वाले ईंट भट्ठों, पत्थर क्रशर, खनन और इससे जुड़ी गतिविधियों पर एनसीआर में पाबंदी लगा दी गई है। सीएक्यूएम ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में राज्य सरकारें बीएस-तीन पेट्रोल और बीएस-चार डीजल वाले चार चक्का वाहनों पर पाबंदी लगा सकती हैं।