मुंबई: पुलिस ने मंगलवार को यहां एक विशेष अदालत को बताया कि वे फर्जी जाति प्रमाणपत्र मामले में इस महीने की शुरुआत में लोकसभा सदस्य नवनीत राणा और उनके पिता के खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) के संबंध में 19 नवंबर तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगी। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पी. मोकशी ने सात नवंबर को गैर जमानती वारंट जारी किया था।
महाराष्ट्र में अमरावती से निर्दलीय सांसद राणा ने मजिस्ट्रेट अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने का अनुरोध किया था क्योंकि इससे जुड़ा एक मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है। अभियोजन ने जवाब देने के लिए वक्त मांगा क्योंकि अदालत में मंगलवार को जांच अधिकारी मौजूद नहीं था। राणा के वकील रिजवान मर्चेंट ने अदालत से सांसद और उनके पिता को अंतरिम राहत देने का आग्रह किया।
अभियोजन ने अदालत में कहा कि वह अपना जवाब दाखिल करने तक वारंट पर तामील नहीं करेगा। विशेष न्यायाधीश आर एन रोकड़े ने दलीलों पर गौर किया तथा मामले की सुनवाई 19 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी। मुंबई के मुलुंड पुलिस थाने में दर्ज शिकायत के अनुसार, राणा और उनके पिता ने जाति प्रमाणपत्र हासिल करने के लिए कथित तौर पर फर्जी दस्तावेज बनवाए क्योंकि अमरावती सीट अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है।
बंबई उच्च न्यायालय ने राणा को जारी जाति प्रमाणपत्र 2021 में रद्द करते हुए कहा था कि इसे जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल कर फर्जी तरीके से बनवाया गया था। पिता-पुत्री ने उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी।