बांग्लादेश में ULFA के ट्रेनिंग कैंप फिर से खोले गए, ISI की बांग्लादेश में अस्थिरता का फायदा उठाने की कोशिश

0 71

ढाका : पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई बांग्लादेश की जमीन का इस्तेमाल कर भारत में अशांति फैलाना चाहती है। आईएसआई ने भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र को अस्थिर करने की कोशिश के तहत असम के उग्रवादी संगठन उल्फा के ट्रेनिंग कैंप दोबारा खोलने की तैयारी की है। आईएसआई के अधिकारियों ने कथित तौर पर उल्फा नेता परेश बरुआ से भी मुलाकात की है, जो हाल ही में बांग्लादेश पहुंचा है। द ट्रिब्यून ने सूत्रों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में ये दावा किया है। रिपोर्ट कहती है कि बांग्लादेश बॉर्डर पर आईएसआई के लोग उल्फा के ट्रेनिंग कैंप खोल रहे हैं।

खुफिया सूत्रों के अनुसार, असम और पूर्वोत्तर राज्यों के पास बांग्लादेश में कुछ ट्रेनिंग कैंप खोले जा चुके हैं। ये कैंप पहले भी सक्रिय थे लेकिन शेख हसीना के समय बंद कर दिए गए थे। बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच हसीना बीते साल 5 अगस्त को देश छोड़कर चली गईं। उनके बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने कार्यभार संभाला है। यूनुस सरकार में आईएसआई को बांग्लादेश में फिर से एंट्री मिल गई है और उसने इन कैंपों को एक्टिव कर दिया है। यह भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र को अस्थिर करने की बड़ी साजिश का हिस्सा है।

यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (ULFA) भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम में सक्रिय उग्रवादी संगठन हैं। यह सशस्त्र संघर्ष के जरिए असम को एक स्वतन्त्र देश बनाने की बात कहता है। सूत्रों का कहना है कि इस गुट का सबसे अहम चेहरा परेश बरुआ अब बांग्लादेश में हैं। बांग्लादेश के कोर्ट ने पिछले महीने बरुआ की उम्रकैद की सजा को भी घटाकर 14 साल कर दिया। बरुआ का नाम भारत की NIA की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल है।

खुफिया एजेंसियों को लगता है कि बांग्लादेश में हालिया घटनाक्रम को देखते हुए बरुआ जल्द ही दोषमुक्त हो सकता है। इसके बाद पूर्वोत्तर के बारे में उसकी गहरी जानकारी का इस्तेमाल आईएसआई क्षेत्र को अस्थिर करने के लिए कर सकती है। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने हाल ही में इस ओर इशारा करते हुए उम्मीद जताई थी कि निर्वासन में रह रहे बरुआ अपने गृह राज्य को अस्थिर नहीं करेंगे।

भारतीय सुरक्षाबलों ने हाल ही में बांग्लादेश सीमा पार से अरबी, उर्दू और बंगाली में वायरलेस संचार को इंटरसेप्ट किए जाने का दावा किया था। इससे पश्चिम बंगाल की सीमा से लगे क्षेत्रों में ISI की मौजूदगी को लेकर चिंताएं पैदा हुई हैं। यह स्थिति भारत की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है। सुरक्षाबलों ने हलिया समय में सीमा पर सुरक्षा भी बढ़ा दी है।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.

09:52