तेल अवीव : बढ़ते जंग की स्थिति के बीच इस्राइली कैबिनेट का बड़ा फैसला सामने आया है। जहां रविवार को कैबिनेट ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की योजना को मंजूरी दी, जिसका उद्देश्य गोलान हाइट्स में बसने वालों की आबादी को दोगुना करना है। वर्तमान में गोलान हाइट्स के इस्राइल-नियंत्रित हिस्से में करीब 50,000 लोग रहते हैं, जिनमें यहूदी और ड्रूज़ समुदाय के लोग शामिल हैं।
वहीं इस मामले में टाइम्स ऑफ इस्राइल की माने तो नेतन्याहू के इस नई योजना में 40 मिलियन इस्राइल न्यू शेकेल (लगभग 11 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का खर्चा आएगा। बात अगर इस योजना के लक्ष्य की करें तो इसका इसका लक्ष्य इस क्षेत्र में इस्राइली आबादी को दोगुना करना है।
योजना को मंजूरी को लेकर प्रधानमंत्री नेतन्याहू के कार्यालय ने बताया कि सरकार ने क्षेत्र के जनसांख्यिकीय विकास को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत शिक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा, छात्र गांव की स्थापना और नए निवासियों को समायोजित करने की व्यवस्था की जाएगी। वहीं इस मामले में पीएम नेतन्याहू ने कहा कि गोलान को मजबूत करना इस्राइल को मजबूत करना है और यह खासकर इस समय महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हम इसे बनाए रखेंगे, इसे विकसित करेंगे और इसमें बसेंगे।
बता दें कि इस्राइल ने 1967 में सीरिया से गोलान हाइट्स पर कब्जा किया था और 1981 में इसे अपने नियंत्रण में ले लिया। हालांकि, दुनिया के अधिकांश देशों ने इस क्षेत्र पर इस्राइल के कब्जे को मान्यता नहीं दी है, लेकिन अमेरिका ने 2019 में इसे मान्यता प्रदान की।
हाल ही में, सीरिया में हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के नेतृत्व में विद्रोहियों ने 8 दिसंबर को बशर अल-असद के शासन को चुनौती दी। इसके बाद इस्राइल ने सीरिया में सैकड़ों हवाई हमले किए और गोलान हाइट्स के पास स्थित सैन्य ठिकानों पर नियंत्रण प्राप्त कर लिया। इस्राइल हवाई हमलों ने सीरिया की सैन्य क्षमताओं को काफी नुकसान पहुंचाया है।
वहीं मामले में सीरिया के नए नेता अहमद अल-शरा ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए इस्राइल के सैन्य अभियानों की आलोचना की और कहा कि सीरिया को अब और संघर्ष नहीं चाहिए। उन्होंने कहा सीरिया अब युद्ध-थका हुआ है और हमें राज्य-निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि ऐसे विवादों में उलझने से जो और विनाश का कारण बन सकते हैं।