नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना अपने लड़ाकू विमान MiG-२९ में इजरायली मिसाइल रैम्पेज लगाने की योजना बना रही है. यह हवा से जमीन पर मार करने वाली स्टैंडऑफ वेपन है. इससे पहले इंडियन नेवी के मिग-29के फाइटर जेट्स में इन्हें लगाया गया था. ये मिसाइलें वायुसेना और नौसेना के लिए बेहद फायदेमंद और दुश्मन के लिए घातक साबित होती है.
इस मिसाइल के लिए गोवा के चिकालिम में नई टेस्टिंग फैसिलिटी भी बन चुकी है. रैम्पेज एक लंबी दूरी की हवा से जमीन पर मार करने वाली प्रेसाइस सुपरसोनिक मिसाइल है. यह मिसाइल 15 फीट लंबी है. इसका वजन 570 kg है. यह जीपीएस गाइडेड मिसाइल है जो ईरान के S-300 डिफेंस सिस्टम को जवाब देने के लिए बनाई गई थी. रैम्पेज मिसाइल को राडार पकड़ तो लेता है लेकिन इसकी गति इतनी ज्यादा है कि इसे इंटरसेप्ट नहीं किया जा सकता. यानी दुश्मन चाहकर भी इसे अपनी इंटरसेप्टर मिसाइल से मार कर गिरा नहीं सकता.
रैम्पेज मिसाइल का फायदा भारत को ऐसे मिलेगा कि वो अपने फाइटर जेट से सीमा के इस पार से ही दुश्मन के कम्यूनिकेशन एंड कमांड सेंटर, एयर फोर्स बेस, मेंटेनेंस सेंटर या किसी भी तरह की इमारत को गिरा सकती है. इस मिसाइल को इजरायली एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज ने बनाया है. कंपनी के मुताबिक यह मिसाइल किसी भी मौसम में दुश्मन पर कहर बरपा सकती है. ये किसी भी हाई-वैल्यू टारगेट को ध्वस्त करने में ज्यादा समय नहीं लगाती. एक बार में किसी भी फाइटर जेट पर चार मिसाइल लगाए जा सकते हैं.
यह जीपीएस/आईएनएस गाइडेंस नेविगेशन और एंटी जैमिंग टेक्नोलॉजी से लैस है. इसलिए इस हैक या जैम करके बीच में रोका या दिशा नहीं बदली जा सकती. रैंपेज मिसाइल की खासियत यही है कि इसे एक बार टारगेट दिखा कर दाग दो और भूल जाओ. स्पीड सुपरसोनिक है. आमतौर पर हवा से जमीन पर मान करने वाली मिसाइलों की गति ऐसी नहीं होती.
इसके हथियार में ब्लास्ट फ्रैगमेंटेशन तकनीक लगाई जा सकती है. यानी किसी बंकर या किलेबंद स्थान को भी तहस-नहस कर देगी. ये अपने टारगेट पर 350 से 550 मीटर प्रति सेकेंड की गति से टकराती है. यानी 21 से 33 km प्रति मिनट की दर से दुश्मन की ओर बढ़ती है. यह मिसाइल अधिकतम 40 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकती है. इसके रेंज 150 से 250 किलोमीटर के बीच होती है. यह निर्भर करता है कि इसका कौन सा वैरिएंट कहां और किस स्थिति में इस्तेमाल किया जा रहा है.
दुश्मन की तरफ बढ़ते समय यह बीच से दिशा भी बदल सकती है. दुनिया के सबसे शानदार फाइटर जेट्स में यह मिसाइल तैनात है. जैसे- F-15, F-16, F/A-18E/F, यूरोफाइटर टाइफून, इजरायली कफिर और सुखोई सू-30एमकेआई फाइटर जेट. यानी दुनिया के सभी शानदार फाइटर जेट्स में यह मिसाइल तैनात है. यानी इसकी मांग काफी ज्यादा है.