नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में अब दो हफ्तों से भी कम का समय बचा है. ऐसे में देशभर में सियासी पारा भी बढ़ गया है. इस बीच सभी दलों ने प्रचार-प्रसार भी करना शुरू कर दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रचार में जुट गए हैं. उन्होंने यूपी, पश्चिम बंगाल और राजस्थान का दौरा किया और बीजेपी (BJP) के उम्मीदवारों के लिए वोट मांगा. दूसरी, तरफ विपक्ष भी मैदान में उतर आया है.
जहां पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में ममता बनर्जी ने लोगों को संबोधित किया तो वहीं, कांग्रेस ने जयपुर से अपना घोषणा पत्र जारी किया. इस बीच सी वोटर ने एक सर्वे किया है. यह सर्वे 10 राज्यों की उन सीटों पर किया गया है, जहां बीजेपी ने क्लीन स्वीप करने का टारगेट रखा है. इसके लिए पार्टी ने पूरी ताकत झोंक दी है.
दरअसल, 10 राज्यों की 225 लोकसभा सीटें ऐसी हैं, जहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है. यह सीटें दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ में हैं. बीजेपी इन सीटों पर क्लीन स्वीप करने के लिए रणनीति बना रही है.
इन 10 राज्यों में 6 राज्य ऐसे हैं, जहां बीजेपी ने 2019 में क्लीन स्वीप किया था. इनमें राजस्थान, गुजरात, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड की सभी जीती थीं. ऐसे में अगर बीजेपी अपने 370 सीट के लक्ष्य को हासिल करना चाहती है, तो बीजेपी को इन्हीं 225 सीटों पर ज्यादा से ज्यादी सीटें जीतनी होंगी. हालांकि, यह काम इतना आसान नहीं है.
अगर बीजेपी को 370 सीट के लक्ष्य के करीब पहुंचना है तो उसे सबसे पहले यूपी की सभी 80 सीटें जीतनी होंगी. यहां पिछले चुनाव में उसने 64 सीटों पर जीत दर्ज की थी. सूबे की सभी सीटों पर जीत हासिल करने के लिए बीजेपी ने मुस्लिम बहुल सीटों के लिए खास रणनीति बनाई है और मुस्लिम महिलाओं को पोलिंग एजेंट बनाने की ट्रेनिंग दे रही है. इतना नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी में तूफानी रैलियां करने की योजना बनाई है.
बीजेपी इस बार उत्तर प्रदेश की उन सीटों पर भी जीत हासिल करना चाहती है, जहां 2019 में उसे हार का सामना करना पड़ा था. इनमें बिजनौर, मुरादाबाद, संभल, मैनपुरी, जौनपुर, लालगंज, रायबरेली,सहारनपुर, अमरोहा, रामपुर, आंबेडकरनगर, श्रावस्ती, घोसी, गाजीपुर और आजमगढ़ शामिल हैं.