रणजी ट्रॉफी फाइनल में अय्यर पांचवें नंबर पर बैटिंग के लिए उतरे, उन्होंने मुशीर खान के साथ बखूबी मोर्चा संभाला

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नई दिल्ली : बल्लेबाज श्रेयस अय्यर फॉर्म में लौट आए हैं। उन्होंने मंगलवार को आलोचकों को करार जवाब दिया। अय्यर के बल्ले ने मुंबई बनाम विदर्भ रणजी ट्रॉफी फाइनल में आग उगली। वह महज पांच रन से शतक से चूक गए। उन्होंने मुंबई के लिए दूसरी पारी में 111 गेंदों में 10 चौकों और 3 छक्कों के दम पर 95 रन बनाए। अय्यर को इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के शुरुआती दो मैचों में खराब प्रदर्शन के बाद भारतीय टीम से बाहर कर दिया गया था। वह सेमीफाइनल के अलावा फाइनल की पहली पारी में भी छाप नहीं छोड़ सके थे, जिसके चलते उनकी आलोचना हो रही थी।

अय्यर पांचवें नंबर पर बैटिंग के लिए उतरे। उन्होंने मुशीर खान के साथ बखूबी मोर्चा संभाला। दोनों ने चौथे विकेट के लिए 168 रन की साझेदारी की। अय्यर ने तूफानी अर्धशतक ठोका और वह अलग ही टच में नजर आ रहे थे। हालांकि, अय्यर 102वें ओवर में नर्वस नाइंटीज का शिकार हो गए। उन्हें आदित्य ठाकरे ने अमन मोखड़े के हाथों लपकवाया। वहीं, 19 वर्षीय मुशीर ने 225 गेंदों में अपनी सेंचुरी कंप्लीट की। यह उनके प्रथम श्रेणी करियर का दूसरा शतक है। उन्होंने क्वार्टर फाइनल में दोहरा शतक ठोका था। वह सरफराज खान के भाई हैं, जिन्होंने इंग्लैंड सीरीज में टेस्ट डेब्यू किया।

मुंबई ने मैच के तीसरे दिन 141/2 से आगे खेलना शुरू किया। मुंबई के कप्तान अजिंक्य रहाणे ने 143 गेंदों में 73 रन बनाए। इस पारी को छोड़ दें तो रहाणे के लिए टूर्नामेंट अच्छा नहीं रहा। उन्होंने फाइनल से पहले सात मैचों 134 रन बनाए। उन्होंने फाइनल की पहली पारी में महज सात रन बटोरे। रहाणे भी टीम इंडिया से बाहर चल रहे हैं। गौरतलब है कि मुंबई की टीम मजबूत स्थिति में है। मुंबई ने पहली पारी में 224 रन बनाए थे। जवाब में विदर्भ की टीम 105 रन पर सिमट गई थी। मुंबई को पहली पारी के आधार पर 117 रनों की बढ़त मिली। मुंबई ने मंगलवार टी ब्रेक तक कुल बढ़त 476 रन की बना ली थी।

 

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