नई दिल्ली: भगवान जगन्नाथ की प्रसिद्ध रथ यात्रा आज 01 जुलाई से ओडिशा के पुरी में शुरू हो रही है. रथ यात्रा के लिए ‘पहांडी’ रस्म शुरू हो गई है। बता दें कि जगन्नाथ रथ यात्रा 01 जुलाई से शुरू होकर 12 जुलाई तक चलेगी। तो वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर देशवासियों को जगन्नाथ रथ यात्रा की बधाई दी। पीएम मोदी ने लिखा, ‘रथ यात्रा के खास दिन की बधाई. हम भगवान जगन्नाथ से उनके निरंतर आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं। हम सभी को अच्छा स्वास्थ्य और खुशियां मिले। कोरोना महामारी के दो साल के लंबे अंतराल के बाद आज से जगन्नाथ रथ यात्रा शुरू हो रही है। इस रथ यात्रा में श्रद्धालुओं को शामिल होने की अनुमति दी गई है।
12 जुलाई तक चलने वाली इस रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ तीन भव्य रथों पर सवार होते हैं। इसमें पहला रथ भगवान जगन्नाथ, दूसरे भाई बलराम और तीसरी बहन सुभद्रा का है। भगवान जगन्नाथ अपनी मौसी गुंडिचा के घर यानी गुंडिचा मंदिर हर साल 3 किमी लंबी यात्रा के बाद जाते हैं। यहां वे 7 दिन आराम करते हैं और फिर जगन्नाथ मंदिर लौट जाते हैं। इन रथों को मोटी रस्सियों से खींचा जाता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस भव्य यात्रा की तैयारियां कई महीने पहले से ही शुरू हो जाती हैं. हर साल एक विशेष मुहूर्त में रथों के लिए लकड़ी इकट्ठा करने का काम शुरू होता है, फिर मंदिर के बढ़ई रथों का निर्माण करते हैं। कहा जाता है कि इन रथों में न तो धातु और न ही कीलों का प्रयोग किया जाता है। रथों के रंग के अनुसार लकड़ी का चयन किया जाता है, जैसे भगवान जगन्नाथ के लिए गहरे रंग की नीम की लकड़ी और उनके भाई-बहनों के लिए हल्के रंग की नीम की लकड़ी।