AFSPA : क्या जम्मू-कश्मीर से हटेगा अफस्पा , जानिए 370 हटने के बाद कितने बदले हालात
AFSPA : अनुच्छेद 370 हटने के लगभग तीन साल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू कश्मीर के दौरे पर गये थे । वे जम्मू के सांबा जिले में अयोजित होने वाले पंचायती राज दिवस के कार्यक्रम में हिस्सा लिया । दौरे से पहले देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि देश की सेना भी नहीं चाहती है कि जम्मू कश्मीर में अफस्पा कानून बरककार रहे। 2015 में भी वे इसमें बदलाव पर किये जा चुके है । अगर अफस्पा हटता है तो ये बहुत बड़ा बदलाव हो सकता है। घाटी से 370 हटने के बाद अब तक क्या-क्या बदला है , जानते है इसके बारे में
शनिवार को रक्षा मंत्री असम के गुवाहाटी में 1971 के युद्ध के वीरों के अभिनंदन पर सभा को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि देश की सेना भी चाहती है कि जम्मू कश्मीर से अफस्पा कानून जल्द से जल्द हटा दिया जाए । अफस्पा जुलाई 1990 में कश्मीर घाटी में और अगस्त 2000 में जम्मू क्षेत्र में उग्रवाद रोकने के लिए लगा था ।
45 साल पहले भारतीय संसद ने अफस्पा यानी आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट 1958 को लागू किया, जो एक फौजी कानून है, जिसे डिस्टर्ब क्षेत्रों में लागू किया जाता है, यह कानून सुरक्षा बलों और सेना को कुछ विशेष अधिकार देती है । अगर इसे हटाने की बात हो रही है तो इससे यह समझा जा सकता है कि घाटी में हालात अब बेहतर है ।
डोमिसाइल सर्टिफिकेट
अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में स्थानीय निवासी बनने के नियमों में बदलाव करते हुए दूसरे राज्यों के ऐसे पुरुषों को वहां का स्थायी निवासी बनाने की व्यवस्था हुई है , जिन्होंने जम्मू-कश्मीर की लड़की से शादी करी हो । अभी तक ऐसे मामलों में महिला के पति और बच्चों को जम्मू-कश्मीर का स्थायी निवासी नहीं माना जाता था ।
पथराव और आंतकी घटनाओं में कमी
केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार जम्मू और कश्मीर में पथराव में काफी गिरावट आई है । रिपोर्ट के अनुसारी पथराव 85 फीसदी कम हो गया । जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुताबिक 2019 में 1990 से अधिक पथराव की घटनाएं सामने आई थी । वहीं 2020 में ऐसी 250 घटनाएं रिपोर्ट हुई। जबकि वर्ष 2021 में ऐसे 76 मामले ही सामने आए। पैलेट गन से घायल होने वाले लोगों की भी संख्या कम हो रही है ।
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रिर्पोट – शिवी अग्रवाल