रांची: दस लाख के इनामी माओवादी नक्सली अमरजीत यादव उर्फ टिंगू सहित पांच बड़े नक्सलियों ने सोमवार को रांची में झारखंड पुलिस के समक्ष हथियारों के जखीरे के साथ आत्मसमर्पण कर दिया। नक्सलियों ने दो एके-56, एक एसएलआर, एक इंसास राइफल, चार मार्क-2 राइफल, 41 मैगजीन, 1856 कारतूस, 16 वायरलेस सेट और आईईडी बनाने की सामग्री पुलिस को सौंपी है।
10 लाख का इनामी अमरजीत बिहार के गया जिला अंतर्गत बाराचट्टी का रहने वाला है। उसके खिलाफ झारखंड के अलावा बिहार में दर्जनों वारदात दर्ज हैं। माओवादी संगठन में उसका ओहदा जोनल कमांडर का था। अमरजीत के अलावा जिन नक्सलियों ने हथियार डाले, उनमें पांच लाख का इनामी सब जोनल कमांडर चतरा जिले का राजपुर निवासी सहदेव यादव उर्फ लटन, गया जिले का बाराचट्टी निवासी सब-जोनल कमांडर नीरू यादव उर्फ सलीम और चतरा के कुंदा का रहने वाले अशोक बैगा उर्फ अशोक परहिया शामिल है।
नक्सलियों के सरेंडर के मौके पर झारखंड पुलिस के आईजी अभियान ए.वी. होमकर, हजारीबाग के डीआईजी नरेंद्र सिंह, चतरा एसपी राकेश रंजन और सीआरपीएफ के कई बड़े अफसर मौजूद रहे। अधिकारियों ने दावा किया झारखंड में नक्सली संगठनों का अब लगभग खात्मा हो चला है। ज्यादातर बड़े नक्सलियों ने या तो सरेंडर कर दिया है या मारे गए हैं या गिरफ्तार कर लिए गए हैं। रविवार देर रात को लातेहार जिले के चंदवा थाना क्षेत्र की पुलिस ने दो लाख के इनामी माओवादी काजेश गंझू को देसी कट्टा और कारतूस के साथ गिरफ्तार किया।
पुलिस के अनुसार, झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर नक्सली हथियार डाल रहे हैं। पिछले हफ्ते भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के झारखंड में रीजनल कमेटी मेंबर और 15 लाख के इनामी नक्सली इंदल गंझू ने भी सरेंडर किया था। इंदल गंझू पर चतरा, हजारीबाग, पलामू के साथ बिहार के गया और औरंगाबाद में 145 मामले दर्ज थे।
इससे पहले, चतरा जिले के लावालौंग थाना क्षेत्र में तीन अप्रैल को पुलिस की टीम ने पांच इनामी नक्सलियों को मार गिराया था। मारे जाने वाले नक्सलियों में 25 लाख के दो इनामी नक्सली गौतम पासवान और चार्लीस उरांव शामिल थे। दोनों ही माओवादी संगठन की स्पेशल एरिया कमेटी के सदस्य (सैक) थे। इनके अलावा पांच लाख के तीन इनामी नक्सली नंदू, अमर गंझू और संजीत उर्फ सुजीत गुड़िया भी मारे गए थे।